नई दिल्ली. दिल्ली की लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कड़ी चिंता जताई। न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा ने कहा, “स्थिति बहुत, बहुत गंभीर है। कृपया वर्चुअल सुनवाई का विकल्प अपनाएं, यह प्रदूषण स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है।”
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वे मास्क पहनकर आए हैं, इस पर जज ने टिप्पणी की — “मास्क काफी नहीं है। हम इस विषय पर मुख्य न्यायाधीश से भी चर्चा करेंगे।”
दिल्ली ‘Severe’ श्रेणी के स्मॉग में घिरी, सांस लेना हुआ मुश्किल
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली गुरुवार सुबह घने स्मॉग की चादर में लिपटी रही। लगातार तीसरे दिन वायु गुणवत्ता ‘Severe’ श्रेणी में दर्ज की गई।
‘Severe’ AQI का स्तर न केवल अस्थमा और दिल के मरीजों के लिए खतरनाक है, बल्कि स्वस्थ लोगों को भी प्रभावित कर सकता है।
CPCB के आंकड़े: बवाना में सबसे अधिक AQI 460
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार सुबह 8 बजे तक कई इलाकों में AQI बेहद खतरनाक स्तर पर था —
बवाना: 460
चांदनी चौक: 455
आनंद विहार: 431
ITO: 438
नॉर्थ कैंपस (DU): 414
रोहिणी: 447
द्वारका सेक्टर-8: 400
सबसे अधिक प्रदूषण बवाना में दर्ज किया गया, जबकि एनएसआईटी द्वारका ने न्यूनतम 216 दर्ज किया।
पराली जलाने से बढ़ा प्रदूषण, पंजाब-हरियाणा से रिपोर्ट मांगी
विशेषज्ञों के मुताबिक, दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दोनों राज्यों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है कि उन्होंने फसल अवशेष जलाने पर रोक के लिए क्या कदम उठाए हैं।
तापमान में गिरावट, ठंड और स्मॉग ने बढ़ाई परेशानी
दिल्ली का न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.9 डिग्री कम है। अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
वायु गुणवत्ता विशेषज्ञों ने चेताया है कि लगातार बढ़ते प्रदूषण से श्वसन तंत्र, हृदय संबंधी समस्याएं और दीर्घकालिक फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने बच्चों और बुजुर्गों से घर में रहने की सलाह दी है।
