नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने देश के कई राज्यों में चल रहे Special Intensive Revision (SIR) यानी मतदाता सूची के विशेष संशोधन को लेकर दायर याचिकाओं पर अगले महीने सुनवाई का शेड्यूल तय कर दिया है। अदालत Kerala, Tamil Nadu, West Bengal और Bihar से जुड़े मामलों पर अलग-अलग तारीखों में सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का शेड्यूल
| राज्य | सुनवाई की तारीख |
|---|---|
| Kerala | 2 दिसंबर |
| Tamil Nadu | 4 दिसंबर |
| West Bengal | 9 दिसंबर |
| Bihar | संबंधित तारीखों के साथ जोड़ा गया |
मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने साफ कहा कि ECI को सुने बिना SIR पर रोक नहीं लगाई जाएगी।
Kerala में SIR रोक पर सवाल
केरल में स्थानीय निकाय चुनाव चलते रहने के कारण SIR प्रक्रिया को स्थगित किया गया था। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने बताया कि इस मामले से जुड़ी याचिकाएँ पहले से ही मद्रास हाईकोर्ट में लंबित हैं।
राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि 99% मतदाताओं तक फॉर्म पहुंच चुका,50% से ज्यादा डिजिटल फॉर्म जमा, Supreme Court ने ECI और राज्य चुनाव आयोग से 1 दिसंबर तक जवाब दायर करने को कहा है।
West Bengal में BLO की मौतों पर गंभीर सवाल
सुनवाई में बताया गया कि SIR प्रक्रिया के दौरान बंगाल में अब तक 23 BLO की मौत हो चुकी है, जिनमें आत्महत्याओं के भी मामले शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर चिंता जताते हुए राज्य चुनाव कार्यालय और ECI से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
ममता बनर्जी का सवाल – “BLO की मौतों का जिम्मेदार कौन?”
West Bengal की सीएम ममता बनर्जी ने SIR प्रक्रिया की जल्दबाजी पर सवाल उठाते हुए कहा कि कई BLO को धमकाया जा रहा है कि नौकरी चली जाएगी या जेल भेज देंगे। क्या लोकतंत्र रहेगा या सिर्फ नौकरी?” उन्होंने अन्य राज्यों जैसे Gujarat, Madhya Pradesh और Rajasthan में भी BLO मौतों का मुद्दा उठाया।
ECI की सुरक्षा चिंता – कोलकाता पुलिस को पत्र
ECI ने एक पत्र में लिखा कि 24 नवंबर को CEO बंगाल कार्यालय में सुरक्षा चूक हुई, जिससे अधिकारियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हुए।
ECI ने निर्देश दिया:
CEO दफ्तर की सुरक्षा बढ़ाई जाए, अधिकारियों और कर्मचारियों को घर–दफ्तर आते-जाते सुरक्षा मिले SIR और आगामी चुनावों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा वर्गीकरण किया जाए।
विवादों में SIR: जल्दबाजी या सुधार?
Kapil Sibal, Prashant Bhushan सहित कई वरिष्ठ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि प्रक्रिया जल्दबाजी में लागू की गई BLO पर अत्यधिक दबाव आत्महत्या और मौतों के मामले राज्यों में प्रक्रिया असमान (जैसे Assam में अलग नियम)।
अगला कदम?
अब सभी पक्षों को 1–3 दिसंबर तक जवाब दाखिल करना होगा, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि SIR प्रक्रिया जारी रहेगी या
उस पर रोक लगेगी या शर्तों के साथ संशोधन होगा।
