नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को साफ कर दिया कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाना जरूरी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार की कमेटी इसे लेकर अगले नियम तय करेगी. रुख में बदलाव लाते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आदेश बदलने की अपील की थी. केंद्र ने कहा था कि सिनेमाघरों में किसी फिल्म की शुरूआत से पहले राष्ट्रगान बजाने को अनिवार्य बनाने के उसके पहले के आदेश में बदलाव किया जाना चाहिए. जिसकी 9 जनवरी को सुनवाई हुई और कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजाना अब अनिवार्य नहीं है.
कमेटी 6 महीने बाद अपना सुझाव देगी
सिनेमाघरों में राष्ट्रगान को फिलहाल अनिवार्य नहीं बनाना चाहती केंद्र सरकार. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि सरकार ने अंतर मंत्रालयी कमेटी बनाई है. यह कमेटी 6 महीने बाद अपना सुझाव देगी. इसके बाद सरकार तय करेगी कि कोई नोटिफिकेशन जारी करना है या नहीं. फिलहाल सरकार चाहती है कि 30 नवंबर, 2016 के राष्ट्रीय गान के अनिवार्य करने के आदेश से पहले की स्थिति बहाल हो.
नोटिफिकेशन या नियम पास करना संसद का काम
बता दें कि 23 अक्टूबर, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि सिनेमाघरों और अन्य स्थानों पर राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य हो या नहीं, ये वो तय करे. कोर्ट ने कहा था कि ये भी देखना चाहिए कि लोग सिनेमाघरों में मनोरंजन के लिए आते हैं, ऐसे में देशभक्ति का क्या पैमाना होना चाहिए इसकी कोई रूप रेखा होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस तरह का कोई भी नोटिफिकेशन या नियम पास करना संसद का काम है उसे कोर्ट पर क्यों थोपा जाए.