नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट 3 जनवरी को कथित तौर से ‘अनैतिक आचरण’ को लेकर लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई करेगा.
उनका निष्कासन ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में मोइत्रा के ‘अनैतिक आचरण’ की जांच करने वाली आचार समिति की रिपोर्ट के बाद हुआ, जिसे शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया गया था.
सीजेआई ने दिया था आश्वासन
महुआ मोइत्रा ने बुधवार को अपनी याचिका पर सुनवाई के लिए तारीख हासिल करने के लिए काफी कोशिश की. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता को आश्वासन दिया है कि शीर्ष अदालत उनके मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के अनुरोध पर विचार करने वाली है.
महुआ को पिछले शुक्रवार कैश फॉर क्वेरी मामले में संसद से निष्काषित कर दिया था. उन्होंने एथिक्स कमेटी के फैसले को मनमानी बताया, जिसने निष्काषन की सिफारिश की थी.
याचिका में TMC नेता ने क्या कहा?
महुआ मोइत्रा ने अपनी याचिका में संसद की सदस्यता जाने को चुनौती दी है. उनका कहना है कि उन्हें एथिक्स कमेटी के निष्कर्षों पर चर्चा के दौरान लोकसभा में खुद का बचाव करने की अनुमति नहीं दी गई. महुआ ने सांसदी जाने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया था. उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के जरिए एक बार फिर से सदस्यता हासिल की जा सकती है. अगर ऐसा नहीं होता है, तो महुआ की वापसी लोकसभा में जीत के बाद ही हो पाएगी.