नई दिल्ली. India’s Indigenous Fighter Jet तेजस Mk-1A जुलाई 2025 के अंत तक अपने पहले ऑपरेशनल वर्जन के साथ तैयार हो जाएगा। Hindustan Aeronautics Limited (HAL) की नासिक फैक्ट्री से रोलआउट होने जा रहा यह जेट Light Combat Aircraft (LCA) प्रोग्राम का अब तक का सबसे एडवांस वर्जन है।
Tejas Mk-1A को भारत की वायु सीमा की सुरक्षा के लिए तैयार किया गया है—खासतौर पर दो-फ्रंट थ्रेट यानी China-Pakistan Axis को ध्यान में रखते हुए।
इस Indigenous Jet का निर्माण HAL और भारतीय वायु सेना (IAF) के बीच ₹48,000 करोड़ के डील के तहत हो रहा है। वहीं दूसरा संभावित ऑर्डर 97 अतिरिक्त Mk-1A के लिए ₹67,000 करोड़ तक पहुंच सकता है।
Tejas Mk-1A क्यों है खास?
Tejas Mk-1A Features में शामिल हैं: ELM-2052 AESA रडार (इज़राइल निर्मित) – बेहतर लक्ष्य का पता लगाने और जैमिंग धूआं ट्रैकिंग सिस्टम डिजिटल कॉकपिट इंटरफ़ेस और स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (SMFDs) डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk-1A) – तेज गति और गति में स्थिरता, लद्दाख और उत्तर पूर्व जैसे उच्च खतरे वाले क्षेत्रों में बढ़ी हुई उत्तरजीविता इसका मुकाबला पाकिस्तान के JF-17 Block III से किया जा रहा है, जो चीनी तकनीक पर आधारित है।
Combat Readiness और Electronic Warfare Capabilities
तेजस Mk-1A को modern warfare के लिए तैयार किया गया है: स्वदेशी EW सुइट (इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम),सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर,रडार वार्निंग रिसीवर (RWR), काउंटरमेजर डिस्पेंसिंग सिस्टम (CMDS) एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग (AAR) सपोर्ट सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो (एसडीआर) – एन्क्रिप्टेड संचार और वास्तविक समय युद्धक्षेत्र जागरूकता ये सभी capabilities इसे एक multi-role, network-centric और पूरी तरह से integrated platform बनाते हैं।
एमके-1ए की मारक क्षमता:
एस्ट्रा, ब्रह्मोस-एनजी और लेजर-गाइडेड बम तेजस एमके-1ए आयुध विकल्प: एस्ट्रा एमके-1 बीवीआर मिसाइल – 100+ किमी की रेंज, पायथन -5 और एएसआरएएएम – डॉगफाइट हीट-सीकिंग मिसाइलें
SAAW और Laser-Guided Bombs – precision strike capabilities BrahMos-NG (Under Integration) – Supersonic Cruise Missile with Mach 3+ speed ये हथियार इसे न सिर्फ सुरक्षात्मक, बल्कि आक्रामक रणनीति में भी सक्षम बनाते हैं।
मेक इन इंडिया का प्रतीक: 62% स्वदेशी घटक
Tejas Mk-1A Indigenous Content: अभी 62% स्वदेशी उत्पादन, 2029 तक 70% का लक्ष्य केवल इंजन – GE F404-IN20 (USA origin) – मुख्य विदेशी कंपोनेंट आने वाले Mk-2 और AMCA Program में GE F414 इंजन के साथ joint development जारी HAL की नासिक यूनिट सालाना 16 जेट्स की क्षमता तक जा सकती है, जिससे तेजस के उत्पादन में बड़ा उछाल आएगा।
चीन-पाकिस्तान गठजोड़ के बीच Mk-1A की अहमियत क्यों बढ़ी?
पाकिस्तान अपने JF-17 Block III प्रोजेक्ट के लिए चीन पर पूरी तरह निर्भर है:केएलजे-7ए एईएसए रडार पीएल-15 बीवीआर मिसाइलें (रेंज: 150-200 किमी) हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले (एचएमडी) लेकिन JF-17 अब भी engine reliability, radar performance और integration issues से जूझ रहा है। दूसरी ओर, चीन ने अपने J-20 stealth jets और long-range SAM systems को LAC के पास तैनात किया है, जिससे air denial strategy को आगे बढ़ाया जा रहा है। भारत ने इसका जवाब राफेल, Su-30MKI और surveillance assets की तैनाती से दिया है। लेकिन Tejas Mk-1A जैसी indigenous systems ही लॉन्ग टर्म रणनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करेंगी।
Tejas Mk-2 और AMCA: भविष्य की उड़ान
HAL अब Tejas Mk-2 पर काम कर रहा है – GE F414 इंजन, बढ़ी हुई payload capacity और ज़्यादा range वाला heavy-duty फाइटर जेट। वहीं भारत का अगला बड़ा सपना है AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft), जो 5th generation stealth aircraft होगा।
Export Potential: क्या Mk-1A भारत का पहला Global Fighter Export बनेगा?
Argentina, Egypt, Philippines और Nigeria जैसे देश Tejas Mk-1A Export में रुचि दिखा चुके हैं। यदि HAL समय पर प्रोडक्शन और सप्लाई सुनिश्चित कर पाया, तो यह India’s First Global Fighter Jet Export बन सकता है।