नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में अब प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास होने के बाद लिखित परीक्षा भी अनिवार्य कर दी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया है कि अब शिक्षकों की सीधी भर्ती नहींं होगी बल्कि टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा भी पास करनी होगी. बहाली में टीईटी के साथ-साथ लिखित परीक्षा के अंक भी जोड़े जाएंगे.
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश होंगे लागू
सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि योगी सरकार प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए कटिबद्ध है. हालांकि शिक्षामित्रों के मामले में सरकार सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन करेगी. जबकि मंत्रिमंडल ने शिक्षामित्रों को प्रति साल शिक्षण अनुभव के लिए ढाई अंक और अधिकतम 25 अंक भारांक देने का फैसला किया है.
नये फैसले के बाद शिक्षकों को पहले टीईटी पास करनी होगी. इसके बाद शिक्षक बनने के लिए उन्हें लिखित परीक्षा में बैठना होगा. नये फैसले में लिखित परीक्षा के लिए 60 और शैक्षिक योग्यता के लिए 40 अंक निर्धारित किये गए हैं. हालांकि टीईटी पास ही प्राथमिक शिक्षकों की बहाली के लिए आयोजित होनेवाली परीक्षाओं में बैठ सकेंगे.