नई दिल्ली. भारत का पहला बालिका सैनिक स्कूल अब हकीकत बनने जा रहा है, और इसकी शुरुआत हो रही है राजस्थान के बीकानेर से। देश में पहली बार लड़कियों के लिए एक Girls Sainik School की स्थापना बीकानेर के जयमलसर में की जा रही है, जिसकी आधारशिला 11 जुलाई 2025 को रखी जाएगी। खास बात यह है कि इस स्कूल के लिए 108 करोड़ रुपये मूल्य की ज़मीन और भवन का दान कोलकाता के व्यवसायी पूनमचंद राठी द्वारा किया गया है। यह दान उन्होंने अपने माता-पिता रामनारायण और रामीदेवी राठी की स्मृति में दिया है।
हर कक्षा में 80 सीटें निर्धारित की गई हैं
Girls Sainik School Bikaner की स्थापना भारत सरकार की सैन्य शिक्षा योजना के तहत की जा रही है, और इसे राज्य सरकार ने 2024-25 बजट में मंजूरी दी थी। स्कूल में Class 6 और Class 9 में केवल छात्राओं को प्रवेश मिलेगा, जिसमें हर कक्षा में 80 सीटें निर्धारित की गई हैं। इस स्कूल की तर्ज पर राजस्थान में कुल 9 सैनिक स्कूल खोले जाएंगे, जिनमें से एक Mirzewala (श्रीगंगानगर) में लड़कों के लिए होगा और बाकी 8 लड़कियों के लिए।
School Infrastructure की बात करें तो यह पूरी तरह हॉस्टल आधारित होगा और इसमें Science Stream के सभी विषयों की पढ़ाई होगी। स्कूल का संचालन Retired Army Officers द्वारा किया जाएगा, और अन्य स्टाफ राज्य सेवा से नियुक्त होंगे। एंट्रेंस एग्जाम के लिए जनवरी 2026 में फॉर्म भरे जाएंगे, परीक्षा अप्रैल 2026 में होगी और 1 जुलाई 2026 से सत्र शुरू होगा। परीक्षाएं Rajasthan Board द्वारा कराई जाएंगी।
इस महत्वपूर्ण योजना के तहत बालिका सैनिक स्कूल कोटा, अजमेर, अलवर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर और बीकानेर समेत 8 जिलों में खुलेंगे। कोटा के उनडवा में 42 हेक्टेयर जमीन का आवंटन भी हो चुका है।
पूनमचंद राठी का कहना है कि जब लड़कियां अब सेना में शामिल हो रही हैं, तो उनके लिए एक मजबूत Training Infrastructure तैयार करना समय की जरूरत है। उनका यह कदम बेटियों के लिए Empowerment Through Education का बड़ा उदाहरण बन रहा है।