ऊना (शिलाई). 15 अगस्त 2016 में हुए बबली व नेतर हत्या मामले को लेकर विधायक बलदेव सिंह ठाकुर ने जमकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला. दलित स्वाभिमान सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बबली व नेतर की हत्या एक सोची समझी साजिश है, जिसमें प्रदेश सरकार के नुमाइंदों की मिलीभगत नजर आ रही है. यही कारण है कि आज तक इस केस में पुलिस ने कोई भी कार्यवाई शुरू नहीं की है.
उन्होंने कहा कि सिरमौर पुलिस प्रदेश सरकार के इशारे पर कार्य कर रही थी और आलाअधिकारियों पर दबाव के कारण शिलाई की बेटी सत्ता की बली चढ़ गई है. मामले को लेकर पुलिस पहले कहती है कि पानी मे डूब कर दोनों की मृत्यु हुई है. उसके बाद बिसरे की रिपोर्ट में दोनों के जहर खा कर मरने की बात सामने आती है. इतना ही नहीं बल्कि कोटखाई तो प्रदेश के मुख्यमंत्री का आवासीय उपमंडल है. लेकिन गुड़िया मामले में भी सरकार ने मामले को दबाने की साजिश रची थी. मामला सीबीआई को जाने के बाद सारे पर्दे उठ रहे हैं.
प्रदेश सरकार की कथनी व करनी में फर्क के कारण आज पुलिस के आधा दर्जन से अधिक अधिकारी व कर्मचारी सस्पेंड हो गए हैं. यदि बबली व नेतर हत्या में भी सीबीआई की जाँच होती तो आज उनके दोषी सलाखों के पीछे होते और दोनों मृतकों के परिजनों को न्याय के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ता. आज बबली का परिवार ही नहीं पूरा ट्रांसगिरी क्षेत्र इन्साफ मांग रहा है. उन्होने केन्द्र सरकार के सामने मामला रख कर नेतन व बबली के हत्या मामले की भी सीबीआई से जाँच करवाने की मांग रखने की बात कही.