नई दिल्ली. लोकसभा में आज Health Security और National Security Cess Bill 2025 पर चर्चा फिर से शुरू हुई। इस बिल का उद्देश्य देश में स्वास्थ्य सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा फंड को मजबूत करना है। इसके तहत पान मसाला उद्योग पर अतिरिक्त Cess (उपकर) लगाने का प्रस्ताव रखा गया है।
बिल का उद्देश्य: स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए अतिरिक्त फंड
चर्चा के दौरान सरकार ने स्पष्ट किया कि इस बिल के जरिए मिलने वाला राजस्व:
राष्ट्रीय सुरक्षा
स्वास्थ्य सुरक्षा
और राज्यों के विशेष स्वास्थ्य कार्यक्रमों
पर खर्च किया जाएगा।
सिर्फ “Demerit Goods” पर Tax, जरूरी वस्तुएं प्रभावित नहीं
इस बिल को कल सदन में प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह टैक्स आवश्यक वस्तुओं पर नहीं लगाया जाएगा।
यह विशेष रूप से उन उत्पादों पर लागू होगा जिन्हें Demerit Goods माना जाता है, जैसे, पान मसाला तंबाकू-आधारित उत्पाद स्वास्थ जोखिम वाले उत्पाद
उन्होंने कहा कि ऐसे उत्पाद गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़े होते हैं, इसलिए उन पर अतिरिक्त टैक्स उचित है।
टैक्स ढांचा: GST + Cess
निर्मला सीतारमण ने बताया कि पान मसाला पर पहले से लागू 40% GST जारी रहेगा। इसके अलावा, अब Health and National Security Cess भी लगाया जाएगा। यह Cess इनके उत्पादन क्षमता (production capacity) के आधार पर वसूला जाएगा, न कि सिर्फ बिक्री पर।
राज्यों को मिलेगा हिस्सा
सरकार ने स्पष्ट किया कि इस बिल से मिलने वाला राजस्व राज्यों के साथ साझा किया जाएगा, ताकि:
कैंसर निरोधक कार्यक्रम
नशा-मुक्ति मिशन
प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं
और राष्ट्रीय सुरक्षा परियोजनाओं
को मजबूत किया जा सके।
क्यों जरूरी है यह बिल?
सरकार का कहना है कि:
भारत में तंबाकू और पान मसाला से जुड़े मौत और बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।
WHO रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सालाना लाखों लोग इस तरह के उत्पादों की वजह से कैंसर और गंभीर बीमारियों के शिकार होते हैं।
इसलिए इन उत्पादों को महंगा बनाकर खपत कम करना और उससे प्राप्त राजस्व को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार में लगाना जरूरी कदम है।
आगे क्या?
अब इस बिल पर राजनीतिक दलों के सुझाव और विरोध-समर्थन के बाद इसे वोट के लिए सदन में पेश किया जाएगा।
