मंडी (सुंदरनगर). हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें सरकारी स्कूल के दसवीं के छात्र से एक वीडियो बनाने वाले व्यक्ति ने जब दो का पहाड़ा सुनाने को कहा तो वह अटकने लगा. दो के पहाड़े के बाद तीन-चार-पांच के पहाड़े की तो बात ही नहीं की जा सकती. इस वीडियो से पता चलता है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की क्या हालत है. हालत यह है कि हर साल सरकारी स्कूलों का रिजल्ट, बोर्ड की मैरिट लिस्ट से बाहर होता जा रहा है.
मालूम हो कि शिक्षा विभाग करोड़ों रुपए के बजट से विभिन्न परियोजनाओं के तहत शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहा है, लेकिन स्कूलों में बच्चों के सीखने के स्तर का अंदाजा इस वीडियो से लगाया जा सकता है.
यह छात्र दसवीं कक्षा तक पहुंच चुका है, लेकिन जो पढ़ाई उसे प्रारंभिक शिक्षा के दौरान आनी चाहिए थी, उसे दसवीं कक्षा में पहुंचने के बाद भी नहीं आयी. इन पहाड़ों को दूसरी-तीसरी कक्षा का विद्यार्थी भी अच्छे से बता सकता है. लेकिन दसवीं का छात्र नहीं बता पा रहा है. ऐसे में सरकारी स्कूलों में मिलने वाली शिक्षा पर सवाल उठने लाजिमी हैं. इसके साथ ही बिना फेल किए छात्र को अगली कक्षा में भेजने की नीति पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं.