शिमला. विधानसभा चुनावों में टिकट के उलटफेर में फंसी कांग्रेस को अब बगावत का दंश झेलना पड़ सकता है. प्रदेश भर के कई विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस के कर्मठ और पुराने नेता नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. टिकट के चाहवान यह नेता पहले तो पार्टी के साथ मिलकर चले लेकिन जब पार्टी आलाकमान ने उन्हें तरजीह न दी तो फिर बगावत पर उतारू हो गए हैं.
शिमला से ही देखें तो हरीश जनार्थ, सुनीता ठाकुर, ठियोग से अतुल शर्मा, केहर सिंह खाची, दीपक राठौर, कुलदीप राठौर, रामपुर बुशहर से 7 बार विधायक रहे पूर्व मंत्री सिंघी राम, विषेशर लाल, डीडी कश्यप, जुब्बल-कोटखाई से रिपना कलसाईक सहित कुल्लू, मंडी, चम्बा, कांगड़ा सहित हर ओर से कांग्रेस नेताओं की पार्टी से नाराजगी की ख़बरें आ रहीं हैं.
इन नेताओं का कहना है कि पार्टी नए और युवा नेताओं को कोई तवज्जो नहीं दे रही है. ऐसे में पार्टी के साथ दिल से जुड़े रहना मुश्किल है. ऐसे नेता कांग्रेस पार्टी से टिकट की चाह पाले थे और अंत मे टिकट उन्हीं को दिया गया जो पहले से टिकट हथियाये बैठे हैं.
इनमें से कुछ नेता तो शांत बैठ गये हैं, कुछ मान-मनौवल के बाद चुप हो गए हैं तो कुछ नेता बगावत के लिए रणनीति बना रहे हैं.
खासकर शिमला और रामपुर बुशहर में दिग्गज नेता पार्टी से किनारा करने के लिए जमीनी स्तर पर जुट गए हैं. यह नेता अपने शुभचिंतकों और समर्थकों के साथ सलाह मशविरा करने में जुटे हैं. जल्द ही कांग्रेस के यह नेता कोई बड़ा फैसला लेकर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ाने के साथ, पार्टी को मुश्किल में डाल सकते हैं.
अब देखना होगा कि पार्टी इस संकट से पार पाने में सफल होती है या बगावती सुर अलाप रहे इन नेताओं के चक्रव्यूह में फंसकर मिशन रिपीट के सपने को हकीकत में बदलने में नाकाम रहती है. लेकिन इतना जरूर है कि बगावती नेता कांग्रेस का गणित जरूर बिगड़ेंगे.