नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को रोका, जिसमें पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि अभियुक्त को यह राहत नहीं दी जा सकती क्योंकि वह एक अलग अपराध के लिए भी दोषी ठहराया गया था।
CBI की अपील पर SC ने नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने CBI की अपील पर सेंगर को नोटिस जारी किया है। CBI ने हाई कोर्ट के फैसले को रोकने की मांग की थी।
सेंगर की सजा का इतिहास
कुलदीप सिंह सेंगर को दिसंबर 2019 में उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी पाया गया था। उन्हें उम्रकैद के साथ 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। 23 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया था। यह आदेश डिवीजन बेंच, जिसमें जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर शामिल थे, ने पारित किया।
पीड़िता के वकील का बयान
पीड़िता के वकील हेमंत कुमार मौर्य ने कहा कि सेंगर किसी भी परिस्थिति में जेल से रिहा नहीं होगा। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि हाई कोर्ट का आदेश लागू है और आरोपी को रिहा नहीं किया जाएगा।
महिला वारंट की प्रतिक्रिया
महिला कार्यकर्ता योगिता भयाना ने SC के आदेश की तारीफ़ की और कहा, “सत्यमेव जयते। यह फ़ैसला देश की बेटियों को संदेश देगा कि अगर उन्हें अन्याय का सामना करना पड़ता है, तो उन्हें न्याय मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संवेदनशीलता दिखाई।”
