मंडी(धर्मपुर). कहते हैं कि अगर कुछ कर गुजरने की चाहत लेकर किसी काम को किया जाए तो वह पूरा होकर ही रहता है. फिर वह काम चाहे कितना ही मुश्किल हो या फिर कितना भी बड़ा, हौसलों से बड़े-बड़े काम भी आसान हो जाते हैं.
कुछ ऐसी ही कहानी है बाग और सरोली गांव की. जहां गांव वालों ने मिलकर 1 किलोमीटर तक सड़क का निर्माण कर मिसाल कायम कर दी. जब कहीं से भी इन गांव वालों की बात नहीं सुनी गई तो उपमंडल के दो गांव के बाशिंदों ने ही 7 वर्षों से उधर से लटकी सड़क का निर्माण करके एक नई मिसाल पैदा की है.
मेहनत लाई रंग
ग्रामीणों ने सामूहिक परिश्रम करते हुए पिछले 7 वर्षों से लटकी हुई 1 किलोमीटर सड़क का निर्माण करके 10 गांवो को आपस में जोड़ने का सराहनीय काम किया है. अब इस संपर्क सड़क के बन जाने से बाग से सरोहली और कुणालग से सरोली व सूरजपुर बाड़ी आपस में जुड़ गए हैं. अब 10 गांवों का संपर्क इस सड़क से जुड़ गया है.
इन लोगों ने कायम की मिसाल
बाग व सरोली गांव को मिलाने वाली सड़क पिछले 7 वर्षों से विवादों की भेंट चढ़ी हुई थी. लेकिन गांव वालों ने इस सड़क का निर्माण गांव के ही लोगों द्वारा रोज़ाना खुद श्रमदान करके किया. गांव के प्रकाश चंद ठाकुर, रतन चंद ठाकुर, नीतीश कुमार, संजय, वीरेंद्र, हरिचंद, मेघ सिंह, जगदीश, अशोक, दीप कुमार, सुनील, रणजीत सिंह आदि ग्रामीणों ने कई माह से आपसी जन सहयोग से 7 सालों से रुकी पड़ी सड़क के कार्य को पूरा किया हैं.
कई गांव आपस में जुड़े
अब इस सड़क के बन जाने से सरोली, अपर सरोहली, लोअर सरोहली, ध्याण, बाग, चम्यार, रोपडी ध्यान दरकालग थाना सूरजपुर बाड़ी और धर्मपुर क्षेत्र की बरछवाड पंचायत आपस में जुड़ गई है. वही सरकाघाट बाजार से कुणालग गली से सरोहली व बाग सड़कें भी इससे मिल गई है.
जमीन मालिकों के विवाद से लटका था काम
बाग से सरोहली सड़क का निर्माण कार्य पिछले एक दशक से अधर में लटका पड़ा था. अपर सरोहली के पास करीब 1 किलोमीटर सड़क जमीन मालिकों के आपसी विवाद के चलते अधर में लटक गई थी. जिससे सड़क के दोनों सिरे आपस में नहीं मिल पा रहे थे. इसके लिए ग्रामीण कई बार सरकार से गुहार लगा चुके थे. परन्तु विभाग ओर प्रशासन ने कोई भी पहल नहीं की. इसी के चलते ग्रामीणों ने ही ना सिर्फ सड़क निर्माण का बीड़ा उठाया बल्कि इसे अंजाम तक भी पहुँचाया.