नई दिल्ली : 17 दिसंबर को दुनिया भर के स्वास्थ्य नेताओं और विशेषज्ञों के लिए महत्वपूर्ण तीन दिवसीय कार्यक्रम, दूसरा WHO Global Summit on Traditional Medicine, आज नई दिल्ली में शुरू हो गया है। इस सम्मेलन की सह-आयोजनकर्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय हैं।
इस समिट में पॉलिसी मेकर्स, वैज्ञानिक, प्रैक्टिशनर, Indigenous knowledge holders और सिविल सोसाइटी के नेताओं को एक साथ लाया गया है, ताकि संतुलित, समावेशी और सतत स्वास्थ्य प्रणाली के साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जा सके।
समिट का थीम और उद्देश्य
इस बार का समिट “Restoring balance: The science and practice of health and well-being” के विषय पर आयोजित किया गया है। 2023 में गांधीनगर, गुजरात में आयोजित पहले समिट की सफलता के बाद, नई दिल्ली संस्करण ट्रेडिशनल मेडिसिन को वैश्विक स्वास्थ्य एजेंडा में मजबूती से स्थापित करने का महत्वपूर्ण कदम है।
WHO Global Traditional Medicine Strategy के तहत चर्चाएं
WHO Global Traditional Medicine Strategy 2025-2034 के मार्गदर्शन में, समिट का फोकस इस बात पर है कि ट्रेडिशनल मेडिसिन सिस्टम्स लोगों-केंद्रित स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरणीय स्वास्थ्य में कैसे योगदान कर सकते हैं।
इस कार्यक्रम में 170 से अधिक विशेषज्ञ वक्ता 25 से ज्यादा सत्रों में अपने विचार साझा करेंगे, जिसमें विज्ञान, नीति, प्रैक्टिस और कम्युनिटी लीडरशिप के दृष्टिकोण शामिल हैं।
समिट की महत्वपूर्ण विशेषताएं
तीन दिवसीय कार्यक्रम जिसमें वैश्विक स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा पर ध्यान केंद्रित।
वैश्विक अनुभव और Indigenous knowledge का आदान-प्रदान।
सतत स्वास्थ्य और समावेशी स्वास्थ्य प्रणाली के लिए नई रणनीतियां।
भारत के आयुष मंत्रालय की पहल और WHO के मार्गदर्शन में वैश्विक सहयोग।
इस समिट के माध्यम से वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में ट्रेडिशनल मेडिसिन की भूमिका को मजबूती प्रदान करने और समावेशी, विज्ञान-आधारित और टिकाऊ स्वास्थ्य मॉडल के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है।
