शिमला(ठियोग). कुमारसैन तहसील की अंतिम पंचायत कांगल आज भी स्वास्थ्य सुविधा से महरूम है. चार पंचायतों के लोगों के लिये बनाया गया एकमात्र आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र कांगल, आज केवल एक आया के हवाले है. पिछले आठ-नौ सालों से यहां के लोग स्वास्थ्य सुविधा को तरस रहे हैं. इस बारे में लोगों का प्रतिनिधि मंडल पंचायत प्रतिनिधियों की अगुवाई में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिल चुका हैं. इसके साथ ही स्थानीय विधायिका एवं आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स से भी कई बार मुलाकात हो चुकी है. इसके बावजूद लोगों को आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिल रहा है.
अब यहां के ग्रामीण आरपार की लड़ाई के मूड में हैं. कांगल पंचायत के पूर्व पंच वेद प्रकाश वर्मा तथा मोगड़ा पंचायत के प्रधान नंदलाल निहरटू का कहना है कि यहां की मोगड़ा, कांगल, जंजैली व कोटीघाट की पंचायतों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिये यह आयुर्वेदिक अस्पताल बनाया गया था. लेकिन नौ साल से यहां पर डाक्टर व अन्य स्टाफ की तैनाती नहीं की गयी है. बता दें कि यहां पर विभागीय कर्मचारियों के लिये सरकारी आवासीय परिसर भी बनाया गया है लेकिन वह भी देखरेख के अभाव में खंडहर में तब्दील हो रहा है.
गांव वालों की चेतावनी
अब ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि इस अस्पताल में डाक्टर व अन्य स्टाफ की तैनाती नहीं की गयी तो वे आने वाले चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे. लोगों का कहना है कि बीते सालों में दोनों ही पार्टियों की सरकार आयी और गयी लेकिन कांगल के अस्पताल की हालत जस की तस रही. उनका आरोप है कि नेता सिर्फ वोट लेने के लिये लुभावने वादे तो करते हैं लेकिन उन वादों को पूरा नहीं करते हैं.
इस बारे में जब उपमंडलीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी वेद प्रकाश शर्मा से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले एक डाक्टर की नियुक्ति का आदेश दिया गया था लेकिन वो अस्पताल पहुंचे ही नहीं. फिलहाल कांगल आयुर्वेदिक अस्पताल में पहले जैसी ही स्थिति बनी हुई है.