केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने एक बार फिर पानी पर राजनीति से दूर रहने की नसीहत दी है। उन्होने कहाकि राज्यों को जल प्रबंधन एवं बंटवारे के मुद्दे पर राजनीति से बचना चाहिये और राज्य हित के साथ-साथ राष्ट्र हित को भी प्राथमिकता देनी चाहिये.
उमा भारती नई दिल्ली में जल मंथन-4 राष्ट्रीय सम्मलेन का उद्घाटन करने आईं थी. उन्होंने कहा कि “कुछ राज्य जल बंटवारे के मुद्दे पर राष्ट्रहित का अनदेखा करते हैं. वे विपक्ष से भी डरते हैं. जल से संबंधित मुद्दों की ज़िम्मेदारी सत्ता पक्ष से अधिक विपक्ष पर है. हमने तय किया है कि आने वाले दिनों में हम जब भी राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों से मिलेंगे तो साथ में उस राज्य के विपक्षी नेताओं से भी चर्चा करेंगे. ”
इस मसले पर उन्होंने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों की तारीफ की. उन्होंने इन दोनों मुख्यमंत्रियों के द्वारा जल विवाद पर दिखाई गई राजनीतिक परिपक्वता की प्रशंसा की और अन्य राज्यों से भी ऐसी ही उम्मीद जताई.
केंद्रीय मंत्री ने ‘नदी जोड़ो परियोजना’ का ज़िक्र करते हुए सम्मलेन में मौजूद उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के अधिकारियों से आग्रह किया कि वो इससे जुड़े लंबित मुद्दों का जल्द निपटारा करे. ताकि केंद्र सरकार इस परियोजना के प्रथम चरण पर जल्द से जल्द कार्य शुरू कर सके. उन्होंने कहा कई बार सूचनाओं के अभाव में लोगों के बीच इस तरह की परियोजना को लेकर गलत धारणाएं पैदा हो जाती हैं.
उमा भारती को आशा है कि इस संगोष्ठी में होने वाले विचार मंथन से जल संरक्षण प्रबंधन की नीति बनाने में सहायता मिलेगी और वर्तमान नीतियों में सुधार करने के रास्ते भी प्रशस्त होंगे.
उद्घाटन सत्र में मंत्रालय के राज्य मंत्रियों विजय गोयल और संजीव कुमार बालियान द्वारा संगोष्ठी को सम्बोधित किया गया. नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा जल से जुड़े मामलों के समाधान के लिए जल मंथन-4 का आयोजन किया गया है.