रामपुर बुशहर (शिमला). रामपुर एचपीएस द्वारा खरगा पंचायत में जैविक कृषि संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है. एसजेवीएन के निगमित सामाजिक दायित्व नीति के तहत आयोजित किए जा रहे इस कार्यक्रम का शुभारंभ परियोजना प्रमुख सुरेश ठाकुर ने किया.
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जैविक कृषि वर्तमान एवं भविष्य की मांग है. इससे उपजे खाद्य सामग्री से आय सृजन में वृद्वि की जा सकती है. कीटनाशकों और खाद से उत्पन्न खाद्य सामग्री की समस्याओं से भी निजात पा सकते हैं.
रामपुर एचपीएस द्वारा हिमालयन जैविक कृषि उत्पादन अनुसंधान और विकास संगठन (हिमओरड), खनेरी (रामपुर) के माध्यम से 48 किसानों को इस सात (07) दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जैविक कृषि के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी जाएगी.
प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा प्रतिभागियों को जैविक कृषि, फसलों के लिए तैयार करने के विविध तरीके, बायो-कीटनाशक, बायो-खाद के प्रकार और उपयोग, वर्मी कंपोस्ट, वेस्ट लेन्ड पर औषधीय पौधों का उत्पादन कर आय में सृजन, जैविक फसलों में लगने वाली बीमारियों की रोकथाम, तैयार फसलों की मार्केटिंग इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाएगी. इस दौरान प्रतिभागियों को जैविक कृषि कर रहे किसानों से भी मिलवाया जाएगा. जिनसे वो खेती के दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी सांझा कर सकेंगे.
इस अवसर पर मनमोहन वर्मा, महाप्रबंधक (सी.एस.आर.), कौशल्या नेगी प्रबंधक (सीएसआर), आरएस मिन्हास (हिमओरड) एवं रोशन लाल, उप प्रधान, ग्राम पंचायत खरगा भी उपस्थित रहे.