नई दिल्ली. Indian Peacekeepers in UN: भारत के दो जांबाज़ शांति सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा मरणोपरांत उनके अत्युत्तम बलिदान के लिए डाग हैमरशॉल्ड पदक से सम्मानित किया जाएगा। ये पुरस्कार उन वीर सैनिकों को दिया जाता है जिन्होंने UN peacekeeping missions के दौरान विश्व शांति के लिए अपने प्राण न्योछावर किए।
कौन हैं ये दो भारतीय वीर?
ब्रिगेडियर अमिताभ झा: येसंयुक्त राष्ट्र विघटन पर्यवेक्षक बल (यूएनडीओएफ)) से जुड़े थे और गोलान हाइट्स में तैनात थे। इस क्षेत्र को दुनिया के सबसे संवेदनशील युद्धविराम क्षेत्रों में गिना जाता है। ब्रिगेडियर झा का कार्य वहां शांति बनाए रखना और संघर्ष की रोकथाम करना था।
हवलदार संजय सिंह: ये MONUSCO (कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र संगठन स्थिरीकरण मिशन)) का हिस्सा थे। उन्होंने कांगो के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की सुरक्षा और स्थिरता बहाल करने में अद्वितीय योगदान दिया।
United Nations Peacekeepers Day पर होगा सम्मान समारोह
29 मई को मनाए जाने वाले International Day of United Nations Peacekeepers के अवसर पर, न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित होगा, जहां ये पदक प्रदान किए जाएंगे। यह दिन उन सभी 4,300 से अधिक शांति सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने 1948 से लेकर अब तक UN Flag के तहत सेवा करते हुए अपने प्राण गवांए हैं।
भारत: UN मिशनों में सबसे बड़ा सैन्य योगदानकर्ता
भारत वर्षों से UN peacekeeping missions में सबसे बड़ा troop-contributing nation रहा है। भारतीय सैनिकों ने समय-समय पर अपनी वीरता, अनुशासन और समर्पण से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Global Peace and Security में अहम भूमिका निभाई है। ये सम्मान केवल दो सैनिकों का नहीं, बल्कि भारतीय सेना के उस संकल्प का प्रतीक है जो हर परिस्थिति में शांति स्थापना के लिए तत्पर रहती है।
ब्रिगेडियर अमिताभ झा और हवलदार संजय सिंह का यह सम्मान केवल दो सैनिकों की वीरता का नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक जिम्मेदारी और शांति के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उनके बलिदान को संपूर्ण विश्व सलाम कर रहा है। यह पुरस्कार भावी पीढ़ियों को न सिर्फ प्रेरित करेगा, बल्कि भारत के शांति स्थापना में योगदान को भी वैश्विक मंच पर और मजबूती से स्थापित करेगा।