रांची. झारखंड में दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में दुमका विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के बसंत सोरेन 4,749 वोट से पिछे चल रहे हैं. वहीं, बेरमो से कांग्रेस के अनूप सिंह भी 7,708 मतों से आगे हैं.

दुमका में अभी तक झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन को 18,273 जबकि लुइस मरांडी को 23,022 वोट मिले हैं. दुमका में भाजपा व झामुमो जबकि बेरमो में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है.

गौरतलब है कि दुमका में झामुमो के बसंत सोरेन और भाजपा की लुईस मरांडी तथा बेरमो में कांग्रेस के कुमार जयमंगल सिंह और भाजपा के योगेश्वर महतो बाटुल के बीच कांटे की टक्कर है. चुनाव परिणाम से सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, पर यहां पर होने वाली जीत-हार को लोग सरकार के काम से जोड़ कर जरूर देखेंगे.
4 पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
दुमका में चार पूर्व मुख्यमंत्री समेत वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रतिष्ठा दांव पर है. दुमका झामुमो सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का कार्य क्षेत्र रहा है तो वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का निर्वाचन क्षेत्र भी है. 2019 के चुनाव में बरहेट के अलावा हेमंत यहां से भी चुनाव जीते थे.
उन्होंने इस चुनाव को कितना गंभीरता से लिया है, इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि लगातार 7 दिनों तक विधानसभा क्षेत्र में लगातार कैंप करते रहे. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी अपनी पूरी ताकत दुमका में झोंक दी थी. भाजपा में उनकी वापसी के बाद यह पहला चुनाव है.
दुमका में भाजपा की जीत-हार से मरांडी का राजनीतिक करियर प्रभावित होगा. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी चुनाव परिणाम से प्रभावित होंगे.
राजेंद्र सिंह के निधन से बेरमो और हेमंत सोरेन के त्यागपत्र से दुमका में हुआ है उपचुनाव
पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह के निधन की वजह से बेरमो विधानसभा क्षेत्र खाली हो गया था. इसकी वजह से वहां पर उपचुनाव हुआ. जबकि दूसरी ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में बरहेट और दुमका 2 विधानसभा क्षेत्रों से जीत हासिल की थी.
उन्हें एक सीट छोड़ना था. ऐसे में उन्होंने दुमका से त्यागपत्र दिया. इसकी वजह से दुमका सीट खाली हो गई और वहां उपचुनाव हुआ.