नई दिल्ली. उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में मतदान मंगलवार सुबह 10 बजे से शुरू होगा। इस बार एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन का मुकाबला विपक्षी इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार तथा पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी से है। मतदान से पहले ही बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति), बीजेडी (बीजू जनता दल) और अब शिरोमणि अकाली दल ने मतदान से परहेज़ (अबसटेन) करने का फैसला लिया है।
BRS का मतदान से परहेज़ – किसानों की समस्या को लेकर विरोध
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करेगी। यह निर्णय तेलंगाना के किसानों द्वारा यूरिया की कमी के चलते उठाई गई आवाज़ के समर्थन में लिया गया है। रामाराव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इस समस्या का समाधान करने में विफल रही हैं, जिससे किसानों को लंबी कतारों में संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “हम मतदान से दूर रहेंगे। हम इसमें हिस्सा नहीं लेंगे।”
रामाराव ने यह भी कहा कि यदि उपराष्ट्रपति चुनाव में NOTA का विकल्प उपलब्ध होता, तो पार्टी उसे अपनाने पर विचार करती। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी के किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ कोई व्यक्तिगत आपत्ति नहीं है – न तो एनडीए के राधाकृष्णन से और न ही विपक्ष के सुदर्शन रेड्डी से।
BJD का ‘समान दूरी’ का रुख
बीजेडी के वरिष्ठ नेता और सांसद ससमित पात्रा ने बताया कि पार्टी प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राजनीतिक मामलों की समिति और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सलाह लेने के बाद मतदान से परहेज़ का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि यह पार्टी की नीति के अनुरूप है, जिसमें न तो भाजपा नीत एनडीए और न ही कांग्रेस नीत इंडिया ब्लॉक से कोई पक्षपात दिखाया जाएगा।
बीजेडी ने पहले भी उपराष्ट्रपति चुनावों में अलग-अलग रुख अपनाया था। 2012 में पार्टी ने मतदान से परहेज़ किया, 2017 में गैर-एनडीए उम्मीदवार गोपाळ कृष्ण गांधी का समर्थन किया, जबकि 2022 में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का समर्थन किया था। बीजेडी के पास राज्यसभा में केवल सात सांसद हैं और लोकसभा में कोई सदस्य नहीं है।
शिरोमणि अकाली दल का निर्णय
बीआरएस और बीजेडी के बाद शिरोमणि अकाली दल ने भी मतदान से परहेज़ करने का ऐलान किया। यह कदम क्षेत्रीय मुद्दों और राष्ट्रीय राजनीति में दोनों प्रमुख गठबंधनों से दूरी बनाए रखने की नीति के तहत उठाया गया है।
चुनाव की पृष्ठभूमि
उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि जुलाई 2024 में जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वर्तमान में एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 129 सांसदों की मजबूत बहुमत है।
इस तरह उपराष्ट्रपति चुनाव में कई क्षेत्रीय दल अपने-अपने राजनीतिक रुख और मुद्दों के आधार पर मतदान से दूरी बना रहे हैं।
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