नई दिल्ली. Vice President of India Jagdeep Dhankhar Resigns – संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन भारतीय राजनीति में एक चौंकाने वाली घटना देखने को मिली। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। उनके इस अप्रत्याशित फैसले ने राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस्तीफे के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता की, जो सामान्यत: उपराष्ट्रपति द्वारा की जाती है क्योंकि वे पदेन Chairman of Rajya Sabha होते हैं।
धनखड़ ने सोमवार शाम राष्ट्रपति Droupadi Murmu को पत्र लिखते हुए कहा कि वे डॉक्टरों की सलाह और स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने अपने पत्र में संविधान के Article 67(a) का हवाला दिया, जिसके तहत वे तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहे हैं। हालांकि उनका कार्यकाल वर्ष 2027 तक था, लेकिन महज दो साल के भीतर ही पद से हटना दर्शाता है कि स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां गंभीर हो सकती हैं। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में एम्स (AIIMS Delhi) में उनकी angioplasty हुई थी और मार्च में भी उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
धनखड़ ने अगस्त 2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था।
धनखड़ ने अगस्त 2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था। वे अपने बेबाक अंदाज़ और विपक्ष के खिलाफ तीखी टिप्पणियों के लिए भी जाने जाते रहे हैं। संसद सत्र की शुरुआत से ऐन पहले उनका इस्तीफा, न सिर्फ राजनीतिक संकेत दे रहा है, बल्कि सरकार और विपक्ष के बीच नए समीकरणों की आहट भी सुना रहा है।
अब जब उपराष्ट्रपति पद रिक्त हो गया है, तो नए Vice President Election को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। क्या यह सिर्फ स्वास्थ्य कारण है या इसके पीछे कोई बड़ी रणनीति है? क्या NDA अपने किसी दिग्गज नेता को इस पद पर लाने की तैयारी में है या यह विपक्ष को मौका देगा?
राज्यसभा में अब उपसभापति हरिवंश की भूमिका पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। अगले कुछ दिनों तक संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी होगी। साथ ही यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्तापक्ष और विपक्ष इस घटनाक्रम को किस तरह राजनीतिक रूप से भुनाते हैं।