शिमला. हिमाचल प्रदेश उन गिने-चुने कुछ राज्यों में से एक है, जहां एस्टेट एजेंट व प्रमोटरों के लिए ऑनलाईन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज पंजीकरण के लिए वेब पोर्टल का शुभारम्भ किया. इस वेब पोर्टल से प्रमोटरों तथा खरीददारों को निरन्तर, पारदर्शी तथा बेहतर सेवाएं प्रदान की जाएंगी.
मंत्रिमण्डल ने 5 अगस्त, 2017 की बैठक में हिमाचल प्रदेश रीयल एस्टेट (विनियम तथा विकास अधिनियम) को स्वीकृति प्रदान की थी. यह वैब-पोर्टल कानून के अनुसार अपनी जिम्मेदारियों का वहन न करने वाले भवन-निर्माताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की सुविधा प्रदान करेगा.
इस पर शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शहरी एवं नगर नियोजन विभाग सुनिश्चित कर रहा है. इसलिये सभी प्रमोटर विभाग के निदेशालय में अपना पंजीकरण करवाऐं. ‘शहरी एवं नगर नियोजन निदेशक’ को रीयल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) के लिए प्राधिकृत किया गया है. सभी प्रमोटरों को आरईआरए के साथ 30 दिनों के भीतर पंजीकरण करवाना होगा. पंजीकरण न करवाने वाले भवन निर्माताओं एवं डवलेपरों से किसी तरह का प्लॉट या अर्पाटर्मेंट न खरीदें.
रीयल एस्टेट विनियम तथा विकास अधिनियम-2016 के तहत प्राधिकरण के साथ रीयल स्टेट परियोजना का पंजीकरण करवाए बिना कोई भी प्रमोटर लोगों को प्लॉट, अपार्टमैंट बुक या बेच नहीं सकता. सुधीर शर्मा ने कहा कि यदि निर्माता अधिनियम के अन्तर्गत अपनी जिम्मेदारियों का वहन नहीं करते, तो उस स्थिति में उन्हें आवंटियों को अधिनियम के तहत मुआवजा देना होगा. सुधीर शर्मा ने कहा कि यदि निर्माता अधिनियम के अन्तर्गत अपनी जिम्मेदारियों का वहन नहीं करते, तो उस स्थिति में उन्हें आवंटियों को अधिनियम के तहत मुआवजा देना होगा. अधिनियम के तहत अपीलों को सुनने के लिए रीयल एस्टेट अपिलिय ट्रिब्यूनल को स्थापित करने का प्रावधान भी है.