नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने इंडिया ब्लॉक के सांसदों को हिरासत में लिया, जब वे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) और आगामी लोकसभा चुनावों में ‘मतदाता चोरी’ के आरोपों के विरोध में संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च निकालने निकले। कांग्रेस के नेतृत्व में इस विरोध मार्च में 25 विपक्षी दलों के 300 से अधिक सांसद शामिल हुए।
विरोध मार्च को दिल्ली पुलिस ने रोका, सांसदों को हिरासत में लिया गया
दिल्ली पुलिस ने बताया कि इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने मार्च के लिए अभी तक अनुमति नहीं ली थी। इस कारण पुलिस ने सांसदों को संसद मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाकर हिरासत में ले लिया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सांसदों को चुनाव आयोग तक जाने से रोकना लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है। वे बोले, “पुलिस और सरकार हमें 30 सेकंड भी मार्च करने नहीं दे रही। हमें चुनाव आयोग से मिलने का पूरा अधिकार है।”
विरोध प्रदर्शन के दौरान विपक्षी सांसदों ने की नारेबाजी, कुछ सांसद घायल और बेहोश भी हुए
मार्च के दौरान तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा और सुष्मिता देव बैरिकेड्स पर चढ़ गईं। कांग्रेस सांसद संजना जाटव प्रदर्शन के दौरान बेहोश हो गईं, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। इसी बीच, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई सांसदों को हिरासत में लेकर बस के अंदर नारेबाजी करते देखा गया।
विपक्ष का आरोप: भाजपा और चुनाव आयोग में मिलीभगत से चुनावों में हुई बड़ी धोखाधड़ी
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाजपा और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत के जरिए चुनावों में “बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी” का आरोप लगाया। उन्होंने इसे “संविधान के विरुद्ध अपराध” बताया और कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र के आंकड़ों का हवाला दिया।
भाजपा का जवाब: विपक्ष देश में अराजकता फैलाना चाहता है
भाजपा के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष के प्रदर्शन को अराजकता फैलाने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस झूठ फैला रही है और विपक्षी दल चुनाव प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं। भाजपा ने विपक्ष से संसद में सभी मुद्दों को उठाने की अपील की।
चुनाव आयोग ने दी 30 सांसदों को मिलने की अनुमति
दिल्ली पुलिस के डीसीपी देवेश कुमार महला ने बताया कि चुनाव आयोग ने केवल 30 सांसदों को मिलने की अनुमति दी थी, जबकि विरोध प्रदर्शन में 300 से अधिक सांसद शामिल थे। इसलिए पुलिस ने अतिरिक्त सांसदों को हिरासत में लिया।