लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन (एलबीए) के द्वारा करगिल के कामगारों को शहर छोड़ने के फरमान के आखिरी दिन लेह में सन्नाटा पसरा रहा. सड़कें खाली रहींं और दुकानों में लोग नहीं दिखे. एक सप्ताह पहले एलबीए ने एक बौद्ध महिला के एक मुस्लिम से शादी करने के बाद उपजे हालात के विरोध में रैली निकाली थी.
लव जेहाद के आरोप
रैली के दौरान चेतावनी में 14 सितम्बर तक करगिल से काम करने के लिए आनेवाले युवकों को लेह खाली करने को कहा था. एसोसिएशन ने कहा था कि करगिल में अपने नेताओं से नौकरी की मांग करें. गौरतलब है कि पर्यटन के मौसम में करगिल से बड़ी संख्या में लोग काम की तलाश में लेह पहुंचते हैं.
एलबीए चाहती है कि महिला को वापस उसके माता-पिता के पास भेजा जाए. एलबीए ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को पत्र लिखकर 30 वर्षीय शिफाह(पहला नाम स्टाजिन स्लडोन) और उसके पति मुर्तुजा आगा(32) की शादी को अवैध ठहराने की मांग की है. पिछले साल दोनों ने बेंगलुरू में शादी की थी.
एलबीए इसे लव-जेहाद से जोड़कर देख रहा है. एसोसिएशन का आरोप है कि शिफाह को बरगलाकर उससे शादी की गई है और बाद में उसका धर्म परिवर्तन किया गया. एलबीए ने महिला को बंधक बनाने का आरोप लगाया है. एलबीए अध्यक्ष शेनवान थिनलेस ने पत्र लिखकर लड़की को वापस करने की अपील मुख्यमंत्री से की है.
व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मुद्दा
लद्दाख को यूनियन टेरिटरी बनाने की मांग उठ रही है. लद्दाख के नेताओं का आरोप है कि इस क्षेत्र के विकास के लिए पर्याप्त फंड नहीं दिया जाता है. करगिल के विधायक अली करबलाई एलबीए पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाते हुए कहते हैं कि महिला का किसी के साथ शादी करने का फैसला और धर्म परिवर्तन उनका व्यक्तिगत मामला है. ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा एलबीए इसे पेश कर रही है.
22 अप्रील 2015 को अपने आफिडेविट में महिला ने कहा है कि वह स्वेच्छा से अपना धर्म परिवर्तन कर रही है. इस मुद्दे को लेकर बौद्ध समुदाय में मिली-जुली प्रतिक्रिया है. कुछ लोग इसे पहचान पर खतरे की तरह देखते हैं. वहीं, बाकी इसे व्यक्तिगत स्वतंंत्रता से जोड़कर देख रहे हैं.
राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले में पत्र लिख कर सरकार से मामले की जांच कराने की मांग की है. आयोग की अध्यक्ष नयीमा महजूर कहती हैं “मैं खुद उक्त महिला से संपर्क में हूं. महिला ने बताया है कि शादी से पहले अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन किया था. महिला ने बताया कि वह शिक्षित है और अपने फैसले लेने के लिए बालिग भी है.”
दोराहे पर पुलिस-प्रशासन
वहीं, एलबीए के उपाध्यक्ष पीटी कुंजांग सवाल उठाते हुए कहते हैं “आखिर वे लोग लड़की को उसके मां-बाप से बातचीत करने क्यों नहीं दे रहे हैं? इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वह बालिग है लेकिन उसे छुपाया क्यों जा रहा है.”
लेह के एसएसपी उदय भास्कर बताते हैं कि 10 दिन पहले लड़की के परिवार वालों ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई थी. वे आगे बताते हैं कि जोड़े को परेशान नहीं करने संंबंधी कोर्ट के द्वारा जारी किए गए आदेश के मद्देनजर पुलिस वापस लौट गयी.
इस विवाद के बाद अमूमन शांत रहने वाले लेह में हिंसा की तीन खबरें आई हैं. जिनमें करगिल के दो युवाओं से जुड़े मामले हैं. वहीं, पूर्णिमा के दिन मांस की दुकान खोले रखने को लेकर विवाद हुआ था. घटना के बाद तीन प्रमुख धार्मिक संगठन अंजुमन इमामिया, एलबीए और अंजुमन मोइन-अल-इस्लाम के बीच शांति बैठक हुई. उम्मीद है कि इसके बाद लेह का माहौल फिर एक बार शांत हो जाये.