शिलाई. यह दिलचस्प घटना पिछले दिनों मुख्यमंत्री के रोनहाट दौरे के समय हुई. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कोटी बौंच पेयजल परियोजना का लोकार्पण किया. उसके बाद वहां उपस्थित खडकांह गांव के 75 वर्षीय गुमान सिंह शर्मा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को माला डालने के लिए जैसे ही आगे आए वहां तैनात पुलिस बल व स्पेशल सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक लिया.
इसी बीच वीरभद्र सिंह की नजर गुमान सिंह पर पड़ गयी. वे खुद आगे बढ़े. उन्होंने सभी को पीछे धकेला और खुद सर झुका कर अपने गले में गुमान सिंह शर्मा का माला डाल लिया. उन्होंने गुमान सिंह से आशीर्वाद भी मांगा. दो मिनट तक उनसे बात-चीत करते रहे. मुख्यमंत्री ने उनका हाल-चाल भी पूछा. बाद मे दोनों मुख्यमंत्री कि गाड़ी तक साथ गए तथा गुमान सिंह शर्मा ने गाड़ी मे बिठा कर मुख्यमंत्री को अलविदा भी किया!
मुख्यमंत्री से मिलने के बाद गुमान सिंह चर्चा में हैं. गुमान सिंह शर्मा बताते हैं ” वे बेहद खुश हैं, प्रदेश के मुख्यमंत्री ने रोनहाट मे कॉलेज दिया है अब उनकी अगली पीढ़ी अनपढ़ नहीं रहेगी. पैसे न होने की वजह से क्षेत्र के अधिकांश परिवार अपने बच्चों की पढ़ाई नहीं करवा सकते थे. लेकिन राजा वीरभद्र सिंह ने उनका दर्द समझा है इसलिए उन्होंने राजा साहब का धन्यवाद किया है.
वे आशा भरी आवाज़ में बताते हैं, “मैनें जैसे ही राजा वीरभद्र सिंह के गले में माला डाली तो राजा ने उनसे कहा कि चिंता न करना जब दोबारा आना होगा तो रोनहाट को सुंदरनगर बना दूँगा ताकि आपके बच्चों को हर सुविधा घर द्वार पर मिल सके. गुमान सिंह बताते हैं कि वीरभद्र सिंह सच में ही कोई जादूगर फकीर है. वे बताते हैं, “प्रेम के कारण वीरभद्र सिंह 6 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं. इसके बावजूद आम लोगों की गरिमा को आज भी मुख्यमंत्री नहीं भूले हैं.”