नई दिल्ली. GST (Goods and Services Tax) को भारत की कर प्रणाली में एक क्रांतिकारी सुधार माना गया है। पिछले कुछ वर्षों में GST Revenue में लगातार वृद्धि हुई है और अधिकांश राज्यों ने इसे स्वीकार भी कर लिया है। फिर भी, अब GST Reform की जरूरत महसूस की जा रही है, खासकर Tax Slabs को Simplify करने के लिए। सबसे चर्चित प्रस्ताव है 12% GST slab को खत्म करने का और इसे 5% और 18% स्लैब में शामिल करने का विचार। यह कदम GST Simplification की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
अमित शाह क्यों कर रहे हैं GST Reform पर चर्चा?
हालांकि Finance Minister निर्मला सीतारमण GST मामलों की देखरेख करती हैं, फिर भी अब इस संवेदनशील मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह सक्रिय हो रहे हैं। इसकी वजह है राजनीतिक सर्वसम्मति बनाना। जब Taxation जैसे जटिल मुद्दों पर राज्यों और केंद्र के बीच सहमति बनाना होता है, तो पार्टी लाइन से हटकर एक प्रभावशाली नेता की भूमिका जरूरी होती है।
अमित शाह पहले भी कई राजनीतिक रूप से sensitive मामलों जैसे disinvestment और price control में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। इसलिए अब वे GST Reform पर भी राज्यों और केंद्र के मंत्रालयों के साथ व्यापक चर्चा करने जा रहे हैं।
क्या होगा GST Reform का असर?
12% GST slab खत्म हो सकता है
Tax slabs कम होकर सिस्टम ज्यादा सरल होगा
Revenue loss का जोखिम, लेकिन Compliance बेहतर होगा
केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर coordination की उम्मीद