धर्मपुर. विधानसभा के संधोल क्षेत्र के लोग भी आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के लिए लामबंद हो रहे हैं. संधोल पंचायत के लोगों ने कमेटी का गठन कर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. कृष्ण खरवाल के नेतृत्व में इस कमेटी का गठन किया गया है.
कमेटी ने शुक्रवार को तहसीलदार संधोल के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा. इससे पहले बैरी पंचायत के लोगों ने भी प्रस्ताव पारित करने के बाद पंचायत की सड़क को पक्का न करने पर चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया था.
इसके साथ ही कौंठुवा पंचायत के चतरौण, बांह, सेड व मसौत वार्ड ने भी इलाके की बदहाली पर चुनाव बहिष्कार करने का मन बना लिया है. विरोध के इस कड़ी में नया नाम संधोल पंचायत का जुड़ गया है. यहां के लोगों ने भी हस्ताक्षर अभियान चलाकर आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. पंचायत के 400 से अधिक लोगों ने इसके सहमती में हस्ताक्षर किया है.
संधोल पंचायत के लोगों ने बताया कि संधोल तहसील धर्मपुर विधानसभा की एकमात्र तहसील थी जिसे दरकिनार कर भाजपा व कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने भेदभाव कर धर्मपुर में उपमंडल कार्यालय खोला. इसके साथ ही 27 पटवार सर्कल संधोल तहसील में थे अब षंडयंत्र के तहत मात्र 14 सर्कल ही हैं.
वहीं, तहसील कल्याण अधिकारी का कार्यलय जिसकी अधिसूचना संधोल के लिए हुई थी लेकिन उसे भी भेदभाव कर धर्मपुर कर दिया गया. ग्रामीणों ने कहा कि संधोल बस अड्डे का कार्य कई वर्षों से अधूरा पड़ा है. ग्रामीण बिजली कट से भी परेशान हैं.
ग्रामीणों ने कहा कि संधोल का डिग्री कॉलेज ,आईटीआई, केंद्रीय विद्यालय सभी संधोल के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के परिसर में चल रहे हैं जो कि प्रदेश भर में एक ‘मिसाल’ बन चुका है. इन संस्थानो को अपने भवन तक नसीब नही हो पाया है.
साथ ही लोगों ने बताया कि अस्पताल व तहसील को जोड़ने वाली सड़क सहित क्षेत्र की सभी सड़कें बदहाल व कच्ची हैं वहीं एक पुल के निर्माण के लिए राजनेताओं की टकटकी लगाए हुए हैं. यही काऱण है संधोल के लोगों ने आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना लिया है.
चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के भविष्य के लिए ठीक नहीं है. ये लोकतंत्र के पहरेदारों को समझ लेनी चाहिए.