नई दिल्ली. भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement – BTA) को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कृषि और डेयरी सेक्टर में वह कोई समझौता नहीं करेगा। जैसे-जैसे अमेरिका के Reciprocal Tariff से बचने की 9 जुलाई की डेडलाइन करीब आ रही है, भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय ट्रेड डील को लेकर सतर्क लेकिन लचीला रुख अपना रही है।
भारत अमेरिका के साथद समझौते के लिए तैयार है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में दिए गए इंटरव्यू में कहा कि भारत अमेरिका के साथ एक मजबूत और फायदेमंद समझौते के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए देश के किसानों और पशुपालकों के हितों की रक्षा ज़रूरी है। उन्होंने इसे भारत की ‘रेड लाइन’ करार दिया।
Trade Policy और Economic Goals के संतुलन पर बात करते हुए सीतारमण ने कहा कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसलिए वह ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ समझौते करने को प्राथमिकता दे रहा है, जिससे mutual benefit हो।
उन्होंने बताया कि private investment में तेजी आ रही है और बीते छह महीनों में कंपनियों ने capacity expansion शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी माना कि urban slowdown की धारणा अब बदल रही है, और आयकर राहत जैसी नीतियों के कारण consumer sentiment में सुधार आया है।
मौजूदा GST Rates में बदलाव की ज़रूरत है
Structural Reforms की दिशा में वित्त मंत्री ने संकेत दिए कि जल्द ही second-generation reforms की शुरुआत की जाएगी। इसमें GST Simplification, banks की स्थिति में सुधार, और private sector को nuclear energy में निवेश की अनुमति देना शामिल है।
वह मानती हैं कि मौजूदा GST Rates में बदलाव की ज़रूरत है, और average GST rate को नीचे लाने से revenue को नुकसान नहीं बल्कि फायदा हो सकता है। उन्होंने बताया कि अब GST Council का लक्ष्य एक ऐसा टैक्स सिस्टम बनाना है जो “simple and compliance-friendly हो।
सीतारमण ने राज्यों से निवेश के माहौल को बेहतर बनाने की अपील की और चेताया कि अगर सभी राज्य प्रगति नहीं करते, तो निवेश कुछ ही राज्यों तक सीमित रह सकता है।
Energy Security को लेकर उन्होंने बताया कि भारत छोटे Modular Nuclear Reactors में निवेश बढ़ाने की तैयारी कर रहा है, जिससे बिजली की बढ़ती मांग को संतुलित किया जा सके। उन्होंने बताया कि इसके लिए जल्द ही कानून में बदलाव किए जाएंगे।