शिमला. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्य में विकास परियोजनाओं के लिए वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के तहत स्वीकृतियों में देरी पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस विषय को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी. यह बात मुख्यमंत्री ने मंगलवार को आयोजित वन विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण विकास परियोजनाएं जैसे हेलीपोर्ट, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन और डे-बोर्डिंग स्कूल एफसीए और एफआरए अनुमोदन में देरी के कारण लंबित हो रही हैं. उन्होंने वन अधिकारियों को एफसीए और एफआर स्वीकृतियों के मामलों में तेजी लाने के निर्देश दिए और कहा कि इस मामले में उनकी जवाबदेही भी तय की जाएगी.
CM सुक्खू ने राज्य वन्य जीव बोर्ड की 11वीं बैठक की अध्यक्षता की
इससे पहले मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड की 11वीं बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कांगड़ा जिला को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के दृष्टिगत कार्य कर रही है. इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के लिए बेहतरीन बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि जलाशय में तैराकीए क्याकिंग, कैनोइंग, राफ्टिंग और गोताखोरी आदि साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पर्यटन एजेंसियों को कृषि और अन्य गतिविधियों में शामिल समुदायों को आजीविका अर्जन के लिए पर्यटन आधारित गतिविधियों में शामिल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वन्य जीवों के संरक्षण के लिए कई योजनाएं कार्यान्वित की हैं. उन्होंने लोगों से भी इस दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों में सहयोग करने का आग्रह किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वन विभाग का वार्षिक कलैंडर भी जारी किया.
प्रधान मुख्य अरण्यपाल वीके तिवारी और प्रधान मुख्य अरण्यपाल राजीव कुमार ने विभाग की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी. मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर और संजय अवस्थी, विधायक भवानी सिंह पठानिया, प्रधान सचिव वनए ओंकार शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिवए शहरी विकास, देवेश कुमार, निदेशक पर्यटन अमित कश्यप सहित अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित उपस्थित थे.
पौंग झील में हॉट एयर बैलून का होगा संचालन
मुख्यमंत्री ने विभाग को पौंग बांध में जलक्रीड़ा और हॉट एयर बैलून संचालन जैसी पर्यटन गतिविधियां आरंभ करने की संभावनाओं का पता लगाने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक कांगड़ा घाटी की ओर आकर्षित हो सके. उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत धमेटा रेंज में मथियाल और कठरा खास, नगरोटा सूरियां रेंज में नंगल चौक आदि स्थानों की पहचान की गई है. उन्होंने कहा कि वन विभाग और पर्यटन विभाग इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए समन्वय के साथ कार्य करेंगे ताकि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित किए जा सकें.