आईसीसी महिला विश्वकप 2017 में भारतीय महिला टीम के लिए एक बड़ा मौका है. मिताली ब्रिगेड को इंग्लैंड के खिलाफ क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर मेजबान महिलाओं से दो-दो हाथ करने हैं. मैच को लेकर देश ही नहीं अपितु विश्व भर में भारतीय टीम के प्रशंसक हैं और जीत की कामनाएं कर रहे हैं.
ग्रुप स्तर पर हारने वाली इंग्लैंड एक बार फिर भारतीय टीम के सामने खड़ी है. मिताली राज के अलावा हरमनप्रीत कौर, पूनम राउत, दीप्ति शर्मा और स्मृति मंधाना बल्लेबाजी में उम्दा खेल दर्शा रही हैं, वहीँ गेंदबाजी विभाग में टीम के पास शिखा पांडे, पूनम यादव और झूलन गोस्वामी जैसा अनुभव मौजूद है.
बल्लेबाजी टीम इंडिया का मजबूत पक्ष रहा है और इसका नजारा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में हरमनप्रीत कौर ने ताबड़तोड़ 171 रनों की नाबाद पारी से दिखाया था. न्यूजीलैंड के खिलाफ करो या मरो वाले मैच में शानदार जीत दर्ज करने के बाद सेमीफाइनल में नम्बर एक ऑस्ट्रेलिया को हराने वाली भारतीय महिला टीम जोश से लबरेज है.
कप्तान मिताली राज मैदान पर अपनी कार्यशैली और बल्ले से दम दिखाते हुए टीम को इस मुकाम पर पहुंचाने में कामयाब रही हैं. 2005 विश्वकप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम की कमान सम्भालने वाली मिताली राज 2017 में एक बार फिर फाइनल में टीम इंडिया की अगुआई करेंगी। वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय कप्तान बन जाएंगी. सौरव गांगुली ने 2003 और एमएस धोनी ने 2011 विश्वकप के फाइनल में टीम का नेतृत्व किया है.
जबर्दस्त फॉर्म में चल रही टीम इंडिया से मुकाबला करना इंग्लैंड के लिए आसान नहीं रहने वाला है. अगर यह टीम ट्रॉफी जीतकर आती है, तो भारतीय क्रिकेट में यह पल सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा और यह एक इतिहास बन जाएगा.