नई दिल्ली. लोकसभा में वंदे मातरम् पर चल रही बहस के दौरान कांग्रेस नेता और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता और चुनाव को प्राथमिकता दे रही है, जबकि कांग्रेस देश के मूल्यों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ रही है।
बहस के दौरान कई बार हंगामा और बाधा के बावजूद प्रियंका गांधी ने कहा कि आप यहां चुनाव जीतने के लिए बैठे हैं, हम यहां देश के लिए बैठे हैं। उन्होंने आगे कहा कि चाहे चुनाव में कितनी भी हार मिले, कांग्रेस संसद में अपनी आवाज़ उठाती रहेगी। अगर हम बार-बार चुनाव हार भी जाएं, तब भी हम यहां बैठकर आपकी नीतियों का विरोध करेंगे।
‘अब वंदे मातरम् पर बहस की क्या जरूरत?’
वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने सवाल उठाया कि संसद में इस समय वंदे मातरम् पर बहस क्यों कराई जा रही है। उनका आरोप था कि सरकार असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार जनता का ध्यान असल मुद्दों से हटाना चाहती है, इसलिए यह बहस लाई गई है।
प्रियंका गांधी ने दावा किया कि यह मुद्दा राजनीतिक कारणों से उठाया गया है, खासकर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए।
“वंदे मातरम् साहस और बलिदान की भावना है”
उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ गीत नहीं, बल्कि देशभक्ति, त्याग और स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक है। यह हमारी आत्मा का हिस्सा है।
‘आज़ादी के नायकों को निशाना बनाकर ध्यान हटाया जा रहा’
प्रियंका गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह स्वतंत्रता सेनानियों और ऐतिहासिक व्यक्तित्वों पर नए आरोप लगाकर झूठे विवाद खड़े कर रही है ताकि जनता के असली मुद्दों पर चर्चा न हो। उन्होंने कहा कि सरकार असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए देशभक्तों और स्वतंत्रता सेनानियों पर सवाल उठा रही है।
नेहरू पर हमले पर तीखी प्रतिक्रिया
प्रियंका गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर लगातार हमलों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि नेहरू ने देश के लिए 12 साल जेल में बिताए। ISRO, DRDO, AIIMS और IIT जैसी संस्थाएं उनके विज़न की देन हैं। उन्होंने कहा कि एक दिन इस सदन में नेहरू पर भी बहस होनी चाहिए।
प्रियंका गांधी ने याद दिलाया कि वंदे मातरम् को राष्ट्रीय गीत घोषित करने वाला फैसला भी कांग्रेस ने ही लिया था।
युवाओं की निराशा और असली मुद्दों की अनदेखी
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज देश का युवा बेरोजगारी, महंगाई और भविष्य की चिंताओं से परेशान है, और संसद में इन मुद्दों पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए। यह संसद महंगाई, बेरोजगारी और जनता की समस्याओं पर चर्चा के लिए है, न कि राष्ट्रीय प्रतीकों को राजनीतिक रंग देने के लिए।
लोकसभा की इस बहस में प्रियंका गांधी का संबोधन विपक्ष के कड़े रुख और सरकार की नीतियों के खिलाफ तेज राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में इस बहस का असर संसद और आगामी चुनावी माहौल में भी देखने को मिल सकता है।
