शिमला के अवार्ड विजेता फिल्म निर्माता सिद्धार्थ चौहान ने एक फिल्म पाशी बनायी है जो ऑस्कर की क्वालीफाइंग फिल्मों की सूची में शामिल हो गयी है. चौहान ने बताया कि उनकी फिल्म “पाशी” को र्होड आइलैंड अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में प्रतिस्पर्धा के लिए चुना गया है. जिसका आयोजन अगस्त 2017 में अमेरिका में किया जाएगा.
अगर यह फिल्म इस फेस्टिवल में अवार्ड जीतने में कामयाब हो जाती है तो ‘पाशी’ दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड ऑस्कर के लिए नामित हो जाएगी. गौरतलब है कि सिद्धार्थ की पिछली शॉर्ट फ़िल्म ‘पापा’ को लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल में सत्यजीत रॉय फिल्म अवार्ड मिला है.
सिद्धार्थ ने कहा कि यह किसी सपने के सच होने जैसा है. उन्होंने कहा कि “पाशी भारत की तरफ़ से अकेली फिल्म है जो इस साल चुनी गई है. हर वर्ष पूरी दुनिया से भारी संख्या में फ़िल्में, ‘ऑस्कर क्वालिफाइंग फिल्म फेस्टिवल’ में अपनी किस्मत आजमाती है ताकि ऑस्कर तक पहुंच सके. यह फिल्म समारोह काफ़ी प्रतिस्पर्धा से भरा है जहाँ फिल्म की क्वालिटी और कंटेंट पर जोर दिया जाता है. ”
‘पाशी’ का मतलब जाल होता है. यह पहाड़ों पर बोली जाने वाली भाषा है. ये भाषा विशेषकर कुछ गांवों , टिक्कर, पुजारली, धनोट और खलावां में बोली जाती है. ‘पाशी’ एक पुरानी मान्यता है जिसके मुताबिक गाँव के लोग और बच्चे चिड़ियों और जानवरों के शिकार के लिए करते थे. सिद्धार्थ के बचपन की यादों ने उन्हें यह फिल्म बनाने के लिए प्रेरित किया.
फिल्म की कहानी के बारे में सिद्धार्थ बताते हैं कि यह एक लड़के (चेतन) की कहानी है. जो अपनी दादी माँ (सावित्री जी) से चिड़िया पकड़ने का तरीका सीखता है. उसका दोस्त उसे प्रोत्साहित करता है जबकि उसकी मां को उसके भविष्य के बारे में चिंता होती है.