शिमला. शिमला के कोटखाई में दसवीं की छात्रा से गैंगरेप के बाद हत्या मामले में हिमाचल पुलिस की जांच से गुस्साई जनता ने ठियोग में चक्का जाम कर दिया है। वहीं जनता को शांत करने पहुंचे, एसपी शिमला और डीएसपी को देख, जनता और भड़क गई। पुलिसकर्मी इन्हें थाने के भीतर ले गए और थाना बंद कर दिया। गुस्साए लोगों ने इन दोनों अफसरों की गाड़ियां फोड़ दी। इस हंगामे के बीच, बाजार भी बंद करवा दिया गया.
कई जगहों पर लोगों की पुलिस के साथ झड़प की सूचना है। महिलाएं भी हजारों की संख्या में सड़कों पर निकल रही हैं. इन प्रदर्शनों में सामाजिक संगठन, स्कूलों व कॉलेजों के छात्र, भाजपा, कांग्रेस, माकपा लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता भी पुलिस के खिलाफ मैदान में हैं. सुबह 11 बजे से ही जनता सड़कों पर है। थाने पर पथराव भी किया गया है.
जानकारी के अनुसार सुबह 11 बजे गुस्साई जनता ने ठियोग के साथ-साथ कोटखाई में भी सरकार और हिमाचल पुलिस के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। कई जगहों पर चक्का जाम भी किया गया. ठियोग में जैसे ही थाने के पास लोगों का सैलाब पहुंचा कि एसपी शिमला डीडब्ल्यू नेगी और डीएसपी यहां जनता को शांत करने पहुंच गए। मगर इन्हें देख जनता और भड़क गई.
बात हाथापाई तक आती देख पुलिसकर्मी दोनों अफसरों को थाने के भीतर ले गए और दरवाजे बंद कर दिए. वहीं गुस्साए लोगों ने थाने पर पथराव कर दिया. साथ ही एसपी-डीएसपी की गाड़ियों के शीशे भी फोड़ डाले. मौके पर जनता का आक्रोश देख पुलिसकर्मी एकाएक गायब हो गए। हजारों लोगों ने ठियोग हाटकोटी रोड पर चक्का जाम कर दिया.
हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस की अतिरिक्त फोर्स एक बस में यहां पहुंची मगर लोगों ने बस को भी चारों तरफ से घेर लिया. बेकाबू भीड़ के बीच कुछ लोगों ने बस के टायर पंचर कर दिए और जवानों को बस से बाहर तक नहीं निकलने दिया. फिलहाल लोग सड़कों पर रैली निकाल रहे हैं और सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. दूर-दराज के गांवों के लोग भी इस रैली में शामिल हो गए हैं. पुलिस के खिलाफ नारेबाजी चल रही है. लोगों का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में लीपापोती की है. असली आरोपी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं.
लोगों के मुताबिक, पुलिस जिन आरोपियों को गिरफ्तार कर मामला सुलझाने का दावा कर रही है हकीकत में वे इस मामले में शामिल नहीं है. जो लोग इस मामले में संलिप्त है वे रसूखदार हैं और राजनीतिक दलों तक अपनी पहुंच की वजह से गिरफ्तार नहीं किए गए हैं. लोगों की मांग है कि जब तक सीएम या सरकार का कोई मंत्री मौके पर आकर सीबीआई जांच की घोषणा नहीं करेगा तब तक आंदोलन यूं ही जारी रहेगा.