शिमला: हिमाचल प्रदेश में 22 स्कूलों को होने वाले राज्य स्तरीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए नामित किया गया है. जिला स्तरीय कार्यक्रमों में 15 अगस्त को इन स्कूलों को सम्मानित किया जाएगा. स्कूलों को शिक्षा विभाग की ओर से राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए चयनित किया गया है. प्रधान सचिव शिक्षा मनीष गर्ग का कहना है कि वर्ष 2021-2022 के तहत समग्र श्रेणी के 16 स्कूलों और उप श्रेणी के छह स्कूलों को राज्य स्तरीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कारों के लिए चुना गया है.
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार (एसवीपी) की शुरुआत साल 2016-2017 में स्कूलों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से की गई थी. इन पुरस्कारों को जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर वर्गीकृत किया गया है. एसवीपी में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों से समग्र श्रेणी के विद्यालय यानी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी विद्यालय हिस्सा ले सकते हैं. इस योजना के अंतर्गत समग्र श्रेणी में चयनित प्रति स्कूल को 50,000 रुपये से 60,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाता है.
उपश्रेणी के स्कूलों का मूल्यांकन पानी, साबुन से हाथ धोना, स्वच्छता, संचालन व रखरखाव, व्यवहार परिवर्तन और क्षमता निर्माण, कोविड 19 की तैयारी और प्रतिक्रिया के आधार पर होता है. उपश्रेणी के स्कूलों को 20,000 रुपये प्रति स्कूल दिए जाते हैं.
समग्र श्रेणी में चयनित स्कूल
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-2022 की शुरुआत की. जिसमें हिमाचल प्रदेश के 22 स्कूलों का चयन हुआ है. जिसमें शिमला के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मझीकोटी, प्राइमरी स्कूल टुटू (ननखड़ी), प्राइमरी स्कूल पोर्टमोर शिमला, कांगड़ा में प्रताप वर्ल्ड स्कूल इंदौरा, जवाहर नवोदय विद्यालय पपरोला, बिलासपुर के प्राइमरी स्कूल नंद, वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल घुमारवीं (छात्रा), ऊना के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल अंब, प्राइमरी स्कूल नारी, प्राइमरी स्कूल धमादरी, वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल संसारपुर टैरेस, राजकीय उच्च विद्यालय बसाल, वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बडेहर, प्राइमरी स्कूल नागोली, वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मुबारिकपुर और मंडी के प्राइमरी टिकरू स्कूल को समग्र श्रेणी के स्कूलों के रूप में चयनित किया गया है.
उप श्रेणी में छह स्कूलों का नाम चयनित है. इसमें वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मझियोटी को साबुन से हाथ धोने, संचालन और रखरखाव और व्यवहार परिवर्तन और क्षमता निर्माण के लिए तीन पुरस्कार दिए गए है. कोरोना महामारी के लिए तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए कांगड़ा के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल संसारपुर टैरेस, स्वच्छ पेयजल की सुविधा के लिए वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बसाल और शौचालय की सुविधा के लिए ऊना जिले के ही वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल टक्का का नाम शामिल है.