शिमला: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सुक्खू के आदेशों के बावजूद बिजली कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम नहीं दी गई. इससे नाराज विद्युत कर्मचारी और इंजीनियर सांकेतिक धरना दे रहे हैं. बोर्ड प्रबंधन के रवैये से नाखुश कर्मचारी प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं.
राज्य सरकार ने सभी विभागों के लगभग 1.36 लाख कर्मचारियों को OPS दे दी है. इन कर्मचारियों का NPS के तहत कटने वाला शेयर मई महीने से बंद हो गया है. मगर, बिजली बोर्ड कर्मचारियों का अभी भी NPS में शेयर जा रहा है. बोर्ड प्रबंधन अपने कर्मचारियों को OPS देने के पक्ष में नहीं है.
इसलिए जून महीने में भी बिजली कर्मचारी प्रदेशव्यापी धरना दे चुके हैं. मगर, तब मुख्यमंत्री सुक्खू के आश्वासन पर इन्होंने अपनी हड़ताल खत्म की और OPS जल्द देने की बात कही गई, लेकिन अभी भी इन्हें OPS नहीं दी गई. अब बिजली कर्मचारी आर-पार की लड़ाई लड़ने की तैयारी में है. बिजली बोर्ड में 10 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को OPS मिलनी है.
पावर प्रोजेक्ट वापस बोर्ड को सौंपने की भी मांग
धरने के दौरान विद्युत कर्मचारी OPS बहाली के साथ-साथ बिजली बोर्ड के 4 छोटे प्रोजेक्ट पॉवर निगम को ट्रांसफर करने के सरकार के फैसले का भी विरोध कर रहे है और वापस बिजली बोर्ड को देने की मांग कर रहे हैं.
बोर्ड इंजीनियरों और कर्मचारियों का दावा है कि इन प्रोजेक्टों के लिए जर्मन कंपनी से फंडिंग का बिजली बोर्ड के साथ 550 करोड़ का करार हुआ है. सरकार ने प्रोजेक्ट अब पॉवर निगम को देने का फैसला लिया है. ऐसे में राज्य सरकार को 550 करोड़ रुपए के अनुदान से वंचित रहना पड़ेगा.
हिमाचल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड़ कर्मचारी यूनियन एवं जॉइंट फ्रंट के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड कर्मचारियों को OPS नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. उनके सब्र का बांध टूटता जा रहा है.