नई दिल्ली. भारतीय जनसंघ के संस्थापक और राष्ट्रवादी विचारधारा के पुरोधा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। BJP Chief JP Nadda ने दिल्ली में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में उन्हें याद करते हुए कहा कि डॉ. मुखर्जी का बलिदान आज के नए भारत की नींव है। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री Dharmendra Pradhan, दिल्ली की मुख्यमंत्री Rekha Gupta और सांसद Bansuri Swaraj भी शामिल हुए।
राष्ट्र की एकता के लिए दिया जीवन
Union Minister Dharmendra Pradhan ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि डॉ. मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण और देश की एकता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने बताया कि डॉ. मुखर्जी ने कांग्रेस की नीतियों से असहमति के बावजूद महात्मा गांधी के अनुरोध पर आज़ाद भारत की पहली सरकार में शामिल होना स्वीकार किया था। लेकिन बाद में पंडित नेहरू द्वारा उन्हें और डॉ. अंबेडकर जैसे महान विचारकों को उपेक्षित किया गया, जिसके चलते उन्होंने सरकार से इस्तीफा दे दिया।
“दो विधान, दो प्रधान” का अंत उनके सपनों की पूर्ति
मुख्यमंत्री Rekha Gupta ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा Article 370 Abrogation कर, एक राष्ट्र, एक संविधान और एक निशान की अवधारणा को साकार किया गया। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी का यह सपना आज साकार हो चुका है। वह सिर्फ जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि National Security, Education Policy, Small Industries और Cultural Integration के भी प्रवर्तक थे।
ऑपरेशन सिंदूर और राष्ट्रवाद का संदेश
धर्मेंद्र प्रधान ने Operation Sindhuraksha का जिक्र करते हुए इसे भारत की Military Strength और PM Modi Leadership का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि Ram Mandir Construction, Naxalism End और Heritage Preservation जैसे कदम डॉ. मुखर्जी के विचारों को धरातल पर उतारने की मिसाल हैं।
डॉ. मुखर्जी की वैचारिक विरासत
कार्यक्रम में सांसद Bansuri Swaraj ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीयता के प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर जिस Development Path पर चल रहा है, वह डॉ. मुखर्जी के बलिदान का प्रतिफल है। उन्होंने उन्हें “Bharatiya Vichardhara ke Dvijvahaak” (भारतीय विचारधारा के ध्वजवाहक) के रूप में संबोधित किया।