नई दिल्ली. भारत की विशाल Census 2027 प्रक्रिया इस नवंबर से प्री-टेस्ट चरण के साथ शुरू होने जा रही है। यह देश की पहली डिजिटल और जाति-समावेशी जनगणना की तैयारी में अहम कदम है। इसकी घोषणा भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त, मृत्युंजय कुमार नारायण ने सरकारी गज़ट नोटिफिकेशन के माध्यम से की।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्री-टेस्ट
Census 2027 के पहले चरण का प्री-टेस्ट, जिसमें Houselisting और Housing Census शामिल है, 10 नवंबर से 30 नवंबर 2025 तक चुनिंदा क्षेत्रों में आयोजित किया जाएगा। यह चरण आगामी जनगणना की तैयारियों का आकलन करेगा, जो 1 अप्रैल 2026 से 28 फरवरी 2027 के बीच देशव्यापी स्तर पर होगी।
इस बार पहली बार नागरिकों को Self-Enumeration का विकल्प मिलेगा। इसके तहत वे 1 नवंबर से 7 नवंबर 2025 के बीच अपने विवरण डिजिटल रूप से भर सकेंगे। यह सुविधा जनगणना में भागीदारी बढ़ाने और कर्मचारियों के काम का बोझ कम करने के लिए पेश की जा रही है।
दो चरणों में होगी डिजिटल जनगणना
Census 2027 को दो बड़े चरणों में आयोजित किया जाएगा:
चरण 1 – Houselisting और Housing Operation (HLO)
इसमें घरों की संरचना, घर के संसाधन और आवश्यक सुविधाओं तक पहुंच के बारे में जानकारी एकत्रित की जाएगी।
चरण 2 – Population Enumeration (PE)
हर परिवार से विस्तृत जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक डेटा एकत्र किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि Population Enumeration का चरण 1 फरवरी 2027 से शुरू होगा।
पहली पूरी तरह डिजिटल जनगणना और जाति-गणना
Census 2027 का यह संस्करण भारत की पहली पूरी डिजिटल जनगणना होगा और इसमें नागरिकों की जाति संबंधी जानकारी भी शामिल होगी। प्री-टेस्ट चरण का उद्देश्य डेटा संग्रह, मोबाइल एप्लिकेशन, Enumerator प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक्स की पूरी कार्यप्रणाली का परीक्षण करना है।
विशाल मानव संसाधन की तैनाती
पूरा जनगणना अभियान 34 लाख से अधिक enumerators और supervisors के साथ 1.3 लाख census functionaries की मदद से संचालित होगा। इन्हें मोबाइल डिवाइस और विशेष एप्लिकेशन का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि डिजिटल प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो सके।
समावेशी और आधुनिक जनगणना का लक्ष्य
अधिकारियों ने कहा कि प्री-टेस्ट केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं बल्कि विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या गणना में उपकरणों, तकनीक और तरीकों को परिष्कृत करने का महत्वपूर्ण कदम है। पारंपरिक फील्डवर्क और नए Self-Enumeration फीचर के मिश्रण से, Census 2027 का लक्ष्य भारत की जनसांख्यिकीय जानकारी को और अधिक पारदर्शी, प्रभावी और समावेशी बनाना है।
 
								
 
         
         
         
        