नई दिल्ली. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार विकसित भारत – रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) के लिए गारंटी अर्थात विकसित भारत – जी-रैम जी एक्ट से देश के अधिकांश राज्यों को करीब ₹17,000 करोड़ का शुद्ध लाभ होगा। यह लाभ पिछले सात सालों की औसत रेटिंग की तुलना में बताया गया है। यह नया कानून करीब 20 साल पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 की जगह लागू किया गया है।
राज्यों में अनुदान वितरण भारी मात्रा में होगा
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि नया जी-रैम जी एक्ट राज्यों के बीच फंड वितरण को बड़े पैमाने पर और प्रभावी ढंग से वितरित करेगा। इससे बेहतर उपयोग होगा और ग्रामीण इलाकों में रोजगार की छूट की पहुंच मजबूत होगी।
मनरेगा का पुनर्निर्धारण, फोकस ‘परिवर्तनकारी आचरण’ पर
रिपोर्ट के मुताबिक, विकसित भारत जी-रैम जी फ्रेमवर्क के तहत पुराने मनरेगा का पुनर्गठन किया गया है। इसका उद्देश्य सिर्फ रोजगार देना नहीं, बल्कि
प्रतिस्पर्धी परियोजना पहचान,
उत्पादक परिसंपत्ति निर्माण,
आय सृजन को बढ़ावा देना,
एक और कुशल निगरानी तंत्र विकसित करना है।
रोज़गार, बस्तियां और बस्तियां पर ज़ोर
एसबीआई के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष द्वारा लिखी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नई कानून ग्रामीण रोजगार योजना की संरचनात्मक कमजोरियों को दूर करने का प्रयास किया गया है। इसके तहत रोजगार सृजन के साथ-साथ पारदर्शिता, योजना और जवाबदेही को हर स्तर पर मजबूत किया जाएगा।
रोज़गार 100 से 125 दिन
विकसित भारत-जी-रैम जी एक्ट के तहत अब हर ग्रामीण परिवार को साल में 125 दिन का वेतन रोजगार दिया जाएगा, जो पहले 100 दिन का था। इससे संबंधित ग्रामीण सुरक्षा परिवारों की आय में लॉज और मस्जिदों से मुलाकात की उम्मीद है।
संसद और राष्ट्रपति की मंजूरी
हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र में विकसित भारत-जी-रैम जी बिल को पारित किया गया। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी विकसित भारत-जी रैम जी बिल, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके साथ ही यह कानून प्रभावी हो गया।
ग्रामीण उद्योग को नई दिशा
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, यह नया कानून सिर्फ रोजगार में वृद्धि नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में संपत्ति निर्माण, स्थानीय विकास और औद्योगिक आर्थिक स्थिरता को भी गति देगा। इससे “विकसित भारत” के लक्ष्य को जमीनी स्तर पर जगह मिलने की उम्मीद है।
