नई दिल्ली. शराब बिक्री पर सरकारी नियंंत्रण के बाद, अब झारखंड विधानसभा में शराब की दुकान खोलने की मांग उठने लगी है. यह मांग झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल के सचेतक कुणाल षाडंगी ने उठायी है. इसके पीछे उनका तर्क है कि विधायकों को शराब लेने के लिये लाइन में लगना पड़ता है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन से भी मिल चुके हैं.
राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र 12 दिसंबर से आरंभ होने वाला है. विपक्ष विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव और मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी इस संबंध में बात करने की तैयारी कर रही है. कुणाल षाडंगी कहते हैं, “सरकार को सोचना चाहिए कि आखिरकार विधायक कैसे भीड़भाड़ भरी शराब दुकानों में जाएंगे. जाहिर है इससे परेशानी हो रही है. बेहतर होगा कि सरकार विधानसभा परिसर में ही एक दुकान खोल दे. इससे विधायकों को शराब खरीदने में आसानी हो जाएगी.”
मालूम हो कि एक अगस्त से झारखंड में नई शराब वितरण नीति लागू हुई है. इसके बाद सरकार ने शराब के वितरण की जिम्मेवारी अपने हाथ में ले ली है. वहीं, शराब बेचने के समय को भी नियंत्रित कर दिया गया है.अब सरकारी दुकानों पर दोपहर एक बजे से चार बजे और शाम के पांच बजे से 10 बजे के बीच ही शराब की बिक्री होती है. वहीं, दुकानों की संख्या भी करीब एक तिहाई से कम हो गई है.
नई शराब नीति के लागू होने के बाद से दुकानों शराब लेने वालों की लंबी लाइन लगने लगी है जिसे नियंत्रित करने के लिये पुलिस को भी लगवाना पड़ रहा है. वहीं, शराब के कुछ नियमित ब्रांड ही इन दुकानों पर मिलते हैं.