जनता दल (युनाइटेड) के सुप्रीमो नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने भी डिप्टी सीएम पद का शपथ ग्रहण किया. बिहार के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी नें सुबह 10 बजे दोनों को शपथ दिलाई.
बुधवार शाम से ही बिहार की राजनीति का घटनाक्रम बहुत तेज़ी से बदला. नीतीश कुमार ने सबको चकित करते हुए यह कह कर इस्तीफ़ा दे दिया कि वह भ्रष्टाचार से समझौता नही कर सकते. नीतीश ने कहा कि उन्होंने महागठबंधन को लेकर हर संभव प्रयास किया जो कि असफल रहा. अब इस माहौल में काम करना संभव नही था.
बिहार में छठी बार सीएम की शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि “मैंने यह फैसला बिहार के हित और विकास के लिए किया.”
भाजपा ने की बिना शर्त समर्थन की पेशकश
इससे पहले नीतीश कुमार के इस्तीफ़ा देने के बाद भाजपा ने कोई देरी नही की और फ़ौरन ही जेडीयू को समर्थन की पेशकश कर दी. नीतीश ने भी बिना देर किए देर रात ही सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. जिसके बाद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने को आमंत्रित किया.
इस्तीफे की ख़बर के तुरंत बाद ही भाजपा सक्रिय हो गई थी. जिसके बाद बुधवार देर रात भाजपा और जेडीयू के विधायक दलों की बैठक हुई. जिसमे नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया. वहीं सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हमें नीतीश कुमार पर पूरा भरोसा है. भाजपा उन्हें समर्थन करेगी.
इस्तीफ़े के बाद चली जुबानी जंग
नीतीश कुमार के इस्तीफ़ा देने के बाद बिहार में सियासी भूचाल आ गया. जहाँ इस्तीफ़े के बाद नीतीश का दर्द झलक रहा था. तो वही आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार पर तीख़े हमले किये. लालू ने कहा कि भ्रष्टाचार से बड़ा अत्याचार होता है. नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के साथ धोखा किया है.
वही राहुल गाँधी ने भी नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश ने धोखा दिया है. इसके अलावा तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘तेजस्वी तो एक बहाना था, उन्हें बीजेपी के साथ जाना था’.