बिलासपुर. चुनाव प्रक्रिया की घोषणा होते ही बिलासपुर जिले में प्रशासन सर्तक हो गया है. उपायुक्त ने सभी जिले के अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं कि जिले में केंद्र व राज्य में काम कर रही विभिन्न पार्टी की सरकारों द्वारा लगाए गए होर्डिंग और अन्य प्रचार सामग्री को हटा दिया जाए.
आचार संहिता लगने के बाद उपायुक्त बचत भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुआ कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार जिले में से यह सामग्री अगले 24 घंटों में हटा दी जाएगी. उन्होंने बताया कि इस बार जिले में वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसके लिए जिले में 40 अधिकारी गांव-गांव जाकर इस मशीन के बारे में लोगों को जानकारी दे रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका प्रयोग कर सकें. वह यह जान सके कि उन्होने अपना मत सही दिया है या नहीं.
उन्होने बताया कि अगर कोई भी मतदाता यह शिकायत करता है कि उसने जहां मत दिया है वह वहां नहीं गया है तो इसकी मौके पर ही जांच होगी और एक और मत डाल कर दिखाया जाएगा और अगर मतदाता की शिकायत झूठी पायी जाती है तो उसे एक हजार रुपये जुर्माना और छह महीनों की सजा भी हो सकती है.
उपायुक्त ने इस बात को गारंटी के साथ कहा कि मशीन में इस तरह की गड़बड़ी होने का कोई चांस नहीं है. उन्होने बताया कि विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा जो भी प्रचार सामग्री या पोस्टर व झंडे सरकारी संपत्ति पर लगाए गए हैं उन्हे तो तत्काल प्रभाव से हटाया जा रहा है लेकिन जो किसी की निजी संपत्ति पर लगे हैं, उसमें भवन मालिक की स्वीकृति आवश्यक होगी. अन्यथा वह भी हटा दिए जाएंगे.
उन्होने कहा कि शहरी क्षेत्रों में यह नियम प्रभावी तरीके से लागू होगा. चुनाव के दौरान हर प्रत्याशी को चुनावी सभा या कोई अन्य कार्यक्रम करने की अनुमति लेनी होगी और उनके ऐसे कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी. उन्होने बताया कि पेड न्यूज पर नजर रखने के लिए उनकी अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है जो हर मामले को मॉनीटर करेगी.