नई दिल्ली. Indian Astronaut Subhanshu Shukla, जिन्होंने हाल ही में International Space Station (ISS) में 18 दिन का ऐतिहासिक मिशन पूरा किया, अब Earth पर वापसी के बाद अपनी पत्नी और बेटे से मिल चुके हैं। उन्होंने अपने Instagram अकाउंट पर कुछ emotional moments शेयर किए, जो अब वायरल हो रहे हैं।
अपने 5 जून के launch date से पहले शुभांशु दो महीने तक quarantine में रहे थे। इस दौरान वह अपने परिवार से केवल 8 मीटर की दूरी से मिल सकते थे। बेटे को छूने या गले लगाने की अनुमति नहीं थी। लेकिन अब जब वह धरती पर सुरक्षित लौट आए हैं, तो उन्होंने लिखा – “उन्हें गले लगाने का एहसास ऐसा था, जैसे आखिरकार घर लौट आया हूं।”
ह्यूस्टन में चल रहा है Subhanshu Shukla का rehabilitation process
शुभांशु फिलहाल अमेरिका के Houston शहर में post-mission quarantine and rehabilitation में हैं। उनके साथ उनकी पत्नी Kamna और 6 साल का बेटा Kiyash भी हैं। कामना ने कहा कि अब उनका पूरा ध्यान इस बात पर है कि शुभांशु को धीरे-धीरे फिर से पृथ्वी के वातावरण में रहने की आदत डलवाई जाए। उन्होंने कहा कि हमारे लिए ये मिलन किसी उत्सव से कम नहीं है। कामना अब शुभांशु के लिए उनके पसंदीदा Indian home-cooked dishes बना रही हैं ताकि अंतरिक्ष के खाने के बाद उन्हें कुछ familiar स्वाद मिल सके।
25 जून को शुरू हुई थी SpaceX यात्रा की तैयारी
शुभांशु शुक्ला ने 25 जून को Florida से SpaceX launch के लिए अपनी तैयारियां शुरू की थीं। तब से कामना अमेरिका में उनके साथ ही थीं। यह जोड़ा लखनऊ के City Montessori School में तीसरी कक्षा से एक-दूसरे को जानता है। उनकी शादी 2009 में हुई थी।
अंतरिक्ष से कॉल: आश्चर्य और राहत का मिला मिला जुला अनुभव
18 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहने के दौरान, शुभांशु ने कई बार पत्नी कामना को satellite phone calls किए। खासकर dock होने के तुरंत बाद आया पहला कॉल उनके लिए एक भावनात्मक आश्चर्य जैसा था।
कामना बताती हैं उस कॉल की आवाज़ सुनकर मैं रो पड़ी। यह जानकर बहुत सुकून मिला कि वह सुरक्षित हैं।” कॉल्स के दौरान उनकी बातचीत में ज़्यादातर space experiments, दिनचर्या और अंतरिक्ष में जीवन के अद्भुत अनुभवों पर चर्चा होती थी।
लंबे अंतराल की दूरी, लेकिन साथ रहने की ताकत
उन्होंने कहा कि कामना ने स्वीकार किया कि space travel के कारण इतने समय तक परिवार से दूर रहना आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने इस कठिनाई को सहने का हुनर सीख लिया है। हमें गर्व है कि शुभांशु देश के लिए कुछ ऐसा कर रहे हैं जो लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है ।