नई दिल्ली. टाटा संस (Tata Sons) और एयर इंडिया (Air India) के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने 12 जून को अहमदाबाद के निकट हुए AI-171 विमान हादसे के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। इस दुर्घटना में 270 से अधिक यात्रियों की मौत हुई थी। टाइम्स नाउ से खास बातचीत में चंद्रशेखरन ने इस दुखद घटना पर गहरा दुख जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति प्रकट की। उन्होंने आश्वासन दिया कि एयरलाइन हर संभव मदद करेगी।
चंद्रशेखरन ने कहा, “यह एक बेहद कठिन परिस्थिति है और मेरे पास परिवारों को सांत्वना देने के लिए शब्द नहीं हैं। मुझे खेद है कि यह हादसा हमारी एयरलाइन में हुआ। हम परिवारों के साथ खड़े हैं और उन्हें वित्तीय एवं भावनात्मक सहायता प्रदान करेंगे।”
AAIB और DGCA जांच के नतीजों का इंतजार – Aircraft Safety पर चंद्रशेखरन का विश्वास
चेयरमैन ने यह भी स्पष्ट किया कि विमान दुर्घटना का सही कारण जानने के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (Accident Investigation Bureau – AAIB) और DGCA की टीम द्वारा जारी रिपोर्ट का इंतजार जरूरी है। इस प्रक्रिया में एक महीने तक का समय लग सकता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि AI-171 के Safety Record में कोई भी गंभीर समस्या या “Red Flag” नहीं था। “विमान का इतिहास पूरी तरह से साफ था। अटकलें लगाना अभी उचित नहीं है कि यह मानवीय त्रुटि थी या तकनीकी खराबी। विमान का दाहिना इंजन नया था, जबकि बाएं इंजन का सर्विसिंग रिकॉर्ड भी अप-टू-डेट था।”
कॉकपिट क्रू का अनुभव भी बेहद शानदार था। कैप्टन सभरवाल के पास 11,500 से अधिक उड़ान घंटे और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर के पास 3,400 से ज्यादा घंटे थे। चंद्रशेखरन ने कहा, “वे दोनों अनुभवी और दक्ष पायलट थे।”
DGCA नोटिस AI-171 से जुड़े नहीं – Technical Compliance पर भी भरोसा
एयर इंडिया को परिचालन संबंधी देरी और खामियों के लिए जो DGCA नोटिस और जुर्माने मिले थे, वे AI-171 उड़ान से संबंधित नहीं थे। चंद्रशेखरन ने स्पष्ट किया कि अगर Safety से जुड़ी कोई गंभीर समस्या होती, तो DGCA उड़ान की अनुमति नहीं देता।
Boeing 787 Dreamliner की Maintenance में Turkey Tech की भूमिका पर विवाद, चंद्रशेखरन का जवाब
ड्रीमलाइनर के रखरखाव में तुर्की की तकनीक शामिल होने की खबरों को नकारते हुए चंद्रशेखरन ने बताया कि टाटा के फ्लाइट बेड़े के 33 Boeing 787 विमानों में से किसी का भी रखरखाव तुर्की टेक्निक द्वारा नहीं किया जाता। अधिकांश का संचालन AIESL और SIA Engineering (Singapore Airlines की सहायक कंपनी) करती है।
पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल पटेल की आलोचना पर चंद्रशेखरन का जवाब
प्रफुल पटेल द्वारा सिंगापुर एयरलाइंस की ‘चुप्पी’ और एयर इंडिया के रखरखाव में उसकी भूमिका पर सवाल उठाने पर, चंद्रशेखरन ने एयरलाइन की सुरक्षा प्रथाओं की सराहना की और कहा कि Singapore Airlines ने हमेशा Technical Support में मदद की है।
पटेल के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने बताया कि एयर इंडिया के वर्तमान CEO Campbell Wilson ने Singapore Airlines से इस्तीफा दे दिया था और उनकी 25% हिस्सेदारी विस्तारा के विलय के बाद आई।
Boeing Whistleblowers और Dreamliner Safety पर चंद्रशेखरन की प्रतिक्रिया
चंद्रशेखरन ने कहा कि Boeing के Dreamliner निर्माण प्रक्रियाओं पर Whistleblower द्वारा उठाई गई चिंताएं अमेरिका में जांच के दायरे में हैं। उन्होंने बताया कि Boeing 787 विमान कई वर्षों से सुरक्षित उड़ानें भर रहे हैं और एयर इंडिया के पास 27 विमान होने पर भी कोई Safety Concern नहीं था।
Accident के बाद Flight Delays और Operational Challenges
12 जून के हादसे के बाद एयर इंडिया को कई उड़ान रद्द और देरी का सामना करना पड़ा। इसका कारण था:
DGCA द्वारा 787 विमानों की अनिवार्य जांच, जिसमें 33 में से 24 विमानों की जाँच पूरी हो चुकी है।
ईरान और मध्य पूर्व के हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंधों के कारण Flight Routes का बदलाव।
नियमित Technical Line Checks में तकनीकी समस्याओं का पता चलना।
चंद्रशेखरन ने बताया, “दिन में 1,100 से ज्यादा उड़ानें होती हैं, जिनमें से कुछ को रद्द करना पड़ा। यात्रियों के साथ बेहतर Communication की दिशा में हम काम कर रहे हैं।”
Boeing और GE अधिकारियों से समीक्षा बैठक
चंद्रशेखरन ने बोइंग और GE के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और उनसे स्वतंत्र जांच करने को कहा ताकि DGCA की जांच के अलावा भी विमान या इंजन की कोई खराबी मिले तो पता चल सके।
CEO Campbell Wilson के Video Message पर प्रतिक्रिया
CEO के एक वीडियो संदेश की आलोचना के सवाल पर चंद्रशेखरन ने कहा कि इसका उद्देश्य प्रभावित परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाना था। उन्होंने कहा कि वे सभी चिंताओं पर ध्यान देंगे।
Air India AI-171 Trust: परिवारों के लिए दीर्घकालिक सहायता का आश्वासन
चंद्रशेखरन ने घोषणा की कि एयर इंडिया AI-171 ट्रस्ट बनाएगी जो पीड़ित परिवारों को न केवल वित्तीय सहायता बल्कि दीर्घकालिक सपोर्ट भी देगा। उन्होंने कहा, “हम उनके साथ खड़े रहने के लिए स्ट्रक्चर बनाना चाहते हैं। यह केवल पैसे का मामला नहीं है, बल्कि अन्य जरूरतों को पूरा करने का भी है।”