नई दिल्ली. ग्रामीण भारत के करोड़ों लोगों के लिए रोजगार का माध्यम महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत जहां 20 या अधिक श्रमिक कार्यरत है कि 16 मई 2022 से ऑनलाइन हाजिरी लग रही है.
देशभर में मनरेगा के तहत काम कर रहे मजदूरों की अब मोबाइल एप के माध्यम से दिन में दो बार हाजिरी लगानी होती है, इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग ने राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) एप तैयार किया है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी और बहुत कम या कोई तकनीकी सहायता नहीं होने के कारण ऑनलाइन हाजिरी लगाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
कब शुरू हुई ऑनलाइन हाजिरी
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पिछले साल 21 मई 2021 को पायलट आधार पर इसे शुरू किया था. पहले आवेदन का उपयोग स्वैच्छिक होना था लेकिन इस साल 16 मई से इसे अनिवार्य कर दिया गया है. मंत्रालय द्वारा जारी किये गये निर्देशों के अनुसार एक दिन में श्रमिकों की दो बार-स्टैम्प और जियोटैग की गई तस्वीरों की आवश्यकता होती है जिससे योजना में पारदर्शिता बढ़ती है.
परेशानियां
द हिंदू अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार इस कदम के बाद सबसे बड़ा झटका महिला कर्मचारियों, विशेष रूप से पर्यवेक्षकों को लगा है. ज्यादातर मामलों में, कर्मचारियों के परिवार महिलाओं को फोन देने से कतराते हैं, खासकर स्मार्टफोन. इसलिए, कई महिलाएं इस योजना से बाहर हो गई हैं.
पिछले एक साल में, केंद्र सरकार ने मनरेगा को लेकर कुछ बड़े मुद्दों को सुलझाया है. मनरेगा अधिनियम 2005 के अनुसार श्रमिक समयबद्ध या दिये गये कार्य को समयबद्ध तरीके से कर सकते हैं. नये दिशा-निर्देशों के अनुसार सुबह करीब 11 बजे कामगारों की जियोटैग्ड और टाइम-स्टैम्प्ड तस्वीरें अपलोड करने और दोपहर 2 बजे के बाद एक और फोटो अपलोड करने की आवश्यकता होती थी जिसके बाद ही मजदूर मजदूरी के लिए पात्र होते थे लेकिन अब इसे संशोधित कर दिया गया है.
समस्या ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाली तकनीकी दिक्कतों की
ऑनलाइन हाजिरी को लेकर सबसे बड़ी समस्या ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाली तकनीकी दिक्कतों से संबंधित हैं. कर्नाटक के ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एलके अतीक ने अखबार को बताया कि “ऐप के माध्यम से निश्चित रूप से पारदर्शिता आती है. हालांकि, एप की गति और सर्वर की ताकत इसमें परेशानी पैदा करती है. इसको लेकर हमें शिकायतें भी मिल रही हैं”.
कब लेकर आया गया था एप
NMMS एप को केंद्र सरकार द्वारा 21 मई, 2021 को लांच किया गया था, लेकिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोध पर, ऐप के उपयोग को अब तक स्वैच्छिक रखा गया था. लेकिन केंद्र ने 13 मई को राज्य सरकारों को पत्र लिखकर 16 मई से एनएमएमएस ऐप को अनिवार्य बना दिया गया है.
क्या है मकसद
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार मोबाइल एप के माध्यम से दिन में दो बार हाजिरी लगवाने का मकसद महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम की योजनाओं को और पारदर्शी तथा जवाबदेह बनाया जाना है. इस एप के माध्यम से योजनाओं के कार्यस्थलों पर श्रमिकों की जीओ-टैग फोटोग्राफ के साथ रियल टाइम उपस्थिति दर्ज होगी. इससे योजनाओं में पारदर्शिता आएगी और मजदूरों को मजदूरी भुगतान में तेजी आएगी.