शिमला. हिमाचल में कांगड़ा एयरपोर्ट के एक्सटेंशन और रनवे की लंबाई की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है. रनवे के एक्सटेंशन में सबसे बड़ी दिक्कत समझी जा रही मांझी खड्ड पर ओवरब्रिज बनाने का फैसला लिया गया है. कांगड़ा के डीसी की अगवाई वाली कमेटी ने इसके लिए पुणे स्थित सेंट्रल वॉटर एनर्जी रिसर्च सेंटर से बात की थी. एक्सपट्र्स ने रिसर्च करने के बाद अपनी रिपोर्ट डीसी को सौंप दी है. रिपोर्ट के अुनसार मांझी खड्ड पर कंकरीट का ब्रिज बनाकर रनवे की लंबाई बढ़ाने को मंजूरी दे दी गई.
पठानकोट-मंडी फोरलेन में भी हो सकता है फेरबदल
बताया जा रहा है कि कांगड़ा एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई बढ़ाने के लिए मांझी पुल पर ओवरब्रिज बनाने के अलावा प्रस्तावित पठानकोट-मंडी फोरलेन को भी थोड़ा बहुत डायवर्ट करना होगा. फिलहाल एयरपोर्ट एक्सटेंशन के लिए कुल 147 हेक्टेयर जमीन ली जानी है. इसमें से 122 हेक्टेयर जमीन प्राइवेट और 25 हेक्टेयर सरकारी लैंड है.
दो फेज में बनेगा 3 KM लंबा रनवे
इस समय कांगड़ा एयरपोर्ट का रनवे 1376 मीटर लंबा है. पहले फेज में इसकी लंबाई बढ़ाकर 1900 मीटर की जाएगी. सेकेंड फेज में इसे बढ़ाकर 3,010 मीटर किया जाएगा. 3 किलोमीटर से लंबा रनवे बनने के बाद यहां एयरबस 320 जैसे बड़े जहाज भी आराम से लैंड कर सकेंगे इससे कांगड़ा की देश के दूसरे हिस्सों से कनेक्टिविटी बढ़ेगी और हवाई सफर सस्ता होगा.
कांगड़ा एयरपोर्ट का रनवे बहुत छोटा है. लोड पेनल्टी के साथ यहां सिर्फ 72 सीटर जहाज ही उतर पाता है. दिन चढ़ने के साथ ही यहां हवाई सेवाएं ऑपरेट करना और मुश्किल हो जाता है क्योंकि हवा गर्म होने का असर लोड पेनल्टी पर आता है. यही वजह है कि यहां से वर्तमान में ज्यादातर फ्लाइट सुबह के समय ही है.
3-4 महीने में शुरू होगा काम
कांगड़ा एयरपोर्ट अथॉरिटी के अनुसार अगले 3-4 महीने में एक्सटेंशन का काम शुरू हो जाएगा. इसके लिए सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने टेक्नो-इकोनॉमिक फिजिबिलिटी स्टडी का जिम्मा वाप्कोस लिमिटेड कम्पनी को दिया है. सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट का जिम्मा हिमाचल प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन करेगी.
लोकल रोजगार पैदा होंगे
बड़े जहाज उतरने से जहां टूरिस्ट बढ़ेंगे वहीं रोजगार भी पैदा होंगे. टैक्सी ऑपरेटरों का काम बढ़ेगा. कांगड़ा घाटी के जो टूरिस्ट स्पॉट अभी तक एक्सप्लोर नहीं हो पाए हैं, वहां तक टूरिस्ट जा सकेंगे.