नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर, जो देश के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है, में व्यवस्थागत सुधारों का ऐलान किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए वीआईपी पास प्रणाली को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया।
वीआईपी पास प्रणाली समाप्त
जिला सूचना अधिकारी द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि अब से दर्शन के लिए वीआईपी स्लिप खरीदने की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। मंदिर परिसर में बने वीआईपी एन्क्लोज़र को भी हटाया जाएगा। अब प्रत्येक भक्त को लाइन में लगकर अपने नंबर का इंतजार करना होगा, ताकि सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित किए जा सकें और भीड़ व पक्षपात की शिकायतें समाप्त हो सकें।
प्रवेश और निकासी व्यवस्था में सुधार
बयान में कहा गया कि अगले तीन दिनों के भीतर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) द्वारा मंदिर में प्रवेश और निकासी के लिए विशेष गेट तय किए जाएंगे ताकि भक्तों का आवागमन सुचारू रूप से हो सके। इसके अलावा, मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब पूर्व सैनिकों या पेशेवर सुरक्षा एजेंसियों को दी जाएगी, जिससे पुलिस और निजी गार्डों पर निर्भरता कम होगी।
दर्शन के समय में वृद्धि और लाइव स्ट्रीमिंग
अब मंदिर का खुलने का समय बढ़ाया जाएगा। गर्मियों में दर्शन तीन घंटे अतिरिक्त और सर्दियों में दो घंटे 45 मिनट अधिक मिलेगा। साथ ही, भक्तों के लिए ऑनलाइन दर्शन की सुविधा भी शुरू की जाएगी ताकि देश और विदेश में बैठे श्रद्धालु भी ठाकुर जी के दर्शन कर सकें।
संरचनात्मक और वित्तीय ऑडिट
मंदिर भवन का संरचनात्मक ऑडिट IIT रुड़की द्वारा कराया जाएगा। साथ ही 2013 से 2016 के बीच वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं की विशेष जांच की जाएगी, जिसका रिपोर्ट 15 दिनों में सामने आएगा। मंदिर की कुल चल-अचल संपत्ति का आकलन भी कराया जाएगा।
बंद कक्ष को खोला जाएगा
समिति ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए मंदिर के गर्भगृह में वर्षों से बंद पड़े एक सीलबंद कक्ष को खोलने की घोषणा की है। कक्ष खोलने की प्रक्रिया का वीडियो रिकॉर्ड बनाया जाएगा ताकि अंदर मौजूद वस्तुओं का दस्तावेजीकरण हो सके।
मुख्य बिंदु
वीआईपी दर्शन समाप्त – सभी श्रद्धालुओं के लिए समान अवसर
प्रवेश और निकासी की नई व्यवस्था, सुरक्षा में सुधार
दर्शन का समय बढ़ेगा, लाइव दर्शन की सुविधा शुरू होगी
वित्तीय व संरचनात्मक ऑडिट से पारदर्शिता सुनिश्चित
वर्षों से बंद कक्ष खुलकर मंदिर के इतिहास से पर्दा हटेगा
इन सुधारों का उद्देश्य मंदिर में पारदर्शिता, सुरक्षा और समानता सुनिश्चित करना है, साथ ही इसकी पवित्रता और श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता देना है। यह कदम मंदिर प्रशासन में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है।