नई दिल्ली. दिल्ली सरकार ने एमएलएएलएडी फंड यानी विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि में बड़ा बदलाव करते हुए इसे ₹15 करोड़ से घटाकर ₹5 करोड़ कर दिया है। यह कटौती 2025-26 के वित्तीय वर्ष से लागू होगी। सरकार के इस निर्णय का सीधा असर दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों में चल रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर और विकास परियोजनाएं पर पड़ सकता है।
क्या है नया आदेश?
दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग द्वारा 2 मई को एक आदेश जारी किया गया। इसमें बताया गया कि कैबिनेट निर्णय के तहत अब प्रत्येक विधायक को सालाना ₹5 करोड़ ही दिए जाएंगे। इससे पहले, अक्टूबर 2024 में दिल्ली की AAP Government ने एमएलएएलएडी फंड को ₹10 करोड़ से बढ़ाकर ₹15 करोड़ कर दिया था।
अनटाइड फंड का मतलब क्या है?
सरकार के अनुसार, यह राशि “अनटाइड फंड“ होगी, जिसका अर्थ है कि विधायक इस फंड को पूंजीगत कार्यों, संपत्तियों की मरम्मत,सार्वजनिक ढांचे की देखरेख जैसे किसी भी स्वीकृत काम में खर्च कर सकते हैं, बिना किसी कैप या लिमिट के।
Political Reactions और Public Impact
इस निर्णय को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं:
क्या इससे Public Infrastructure Projects की गति धीमी पड़ेगी?
क्या Delhi Govt की यह फंड कटौती fiscal deficit control की कोशिश है?
क्या यह आगामी चुनावों के लिए रणनीतिक तैयारी है?
Opposition Parties, विशेषकर BJP, इस निर्णय पर आलोचना कर सकती हैं कि यह कदम दिल्ली की जनता के local development पर असर डालेगा।
क्या MLA Fund कटौती से बदलेगा दिल्ली का विकास मॉडल?
दिल्ली सरकार का यह फैसला एक बड़ा प्रशासनिक और राजनीतिक संकेत है। जहां एक ओर सरकार इसे बजट युक्तिकरण और संसाधनों का कुशल आवंटन कह रही है, वहीं दूसरी ओर इससे जनता और विपक्षी दलों के बीच नाराज़गी भी देखी जा सकती है। अब देखना यह है कि कम फंड में विधायक अपने क्षेत्रों में development works कैसे सुनिश्चित करेंगे।