नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने किसानों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने अब जंगली जानवरों के हमले और धान की फसल के जलमग्न होने (Paddy Inundation) से होने वाले नुकसान को भी योजना के तहत शामिल कर लिया है।
जंगली जानवरों के हमले को Localised Risk में पांचवें Add-on Cover के रूप में मंजूरी
नई व्यवस्था के तहत जंगली जानवरों द्वारा की गई फसल क्षति को लोकलाइज्ड रिस्क कैटेगरी में पांचवें ऐड-ऑन कवर के रूप में मान्यता दी गई है। राज्य सरकारें यह सूची जारी करेंगी कि किन-किन जंगली जानवरों से फसल का नुकसान होता है। ऐतिहासिक डेटा के आधार पर संवेदनशील जिलों या बीमा इकाइयों की पहचान की जाएगी। किसानों को नुकसान होने के 72 घंटे के भीतर Crop Insurance App पर जियो-टैग्ड फोटो अपलोड कर रिपोर्ट करना होगा। सरकार का कहना है कि यह फैसला कई राज्यों की लंबे समय से उठाई जा रही मांगों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
किसानों के लाभ के लिए वैज्ञानिक और पारदर्शी फ्रेमवर्क तैयार, लागू होगा खरीफ 2026 से
कृषि मंत्रालय ने बताया कि नई मॉडेलिटीज़ PMFBY की ऑपरेशनल गाइडलाइंस के अनुरूप तैयार की गई हैं, जो वैज्ञानिक, पारदर्शी और देशभर में लागू किए जाने योग्य फ्रेमवर्क प्रदान करती हैं। ये प्रावधान खरीफ 2026 से पूरे देश में लागू होंगे।
जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान की परेशानी वर्षों से बढ़ रही थी
देशभर के किसान लंबे समय से हाथी, जंगली सुअर, नीलगाय, हिरण, बंदर जैसे जानवरों से फसलें बर्बाद होने की शिकायत करते आए हैं। यह समस्या विशेष रूप से उन इलाकों में ज्यादा है जो जंगलों, वन कॉरिडोरों और पहाड़ी क्षेत्रों के पास स्थित हैं। अब तक इन नुकसानों का बीमा कवर में समुचित प्रावधान ना होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था।
धान किसानों को भी राहत: जलभराव से फसल नष्ट होने पर फिर मिलेगा बीमा कवर
बाढ़ और भारी बारिश के दौरान धान की फसल डूबने की घटनाओं से तटीय और बाढ़-प्रभावित राज्यों के किसानों को लगातार नुकसान होता रहा है। 2018 में धान जलभराव को लोकलाइज्ड कैलैमिटी कैटेगरी से हटाया गया था, लेकिन इससे किसानों के लिए बीमा सुरक्षा में बड़ा गैप पैदा हो गया।
अब इसे फिर से शामिल करने से
ओडिशा, असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तराखंड जैसे राज्यों के लाखों किसान लाभान्वित होंगे।
विशेषज्ञ समिति के सुझावों को मंजूरी, देशभर के किसानों को मिलेगा लाभ
कृषि विभाग ने emerging risks को देखते हुए एक विशेषज्ञ समिति बनाई थी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। अब किसानों को टेक्नोलॉजी आधारित क्लेम सेटलमेंट और बेहतर सुरक्षा मिलेगी।
सरकार का मानना है कि ये नए कवर PMFBY को और अधिक इन्क्लूसिव, उत्तरदायी और किसान-हितैषी बनाएंगे, जिससे देश की फसल बीमा व्यवस्था और मजबूत होगी।
