नई दिल्ली. राजस्थान सरकार ने शुक्रवार को एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल को अंजाम दिया है। इसमें 48 वरिष्ठ IAS अधिकारियों के तबादले शामिल हैं। यह फेरबदल नए मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास के कार्यभार संभालने के बाद पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। सरकार का लक्ष्य प्रशासनिक कार्यक्षमता बढ़ाना और रणनीतिक प्राथमिकताओं को मजबूत करना है।
CMO में प्रमुख बदलाव
अखिल अरोड़ा को पब्लिक हेल्थ एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से हटाकर मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) का नया अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) बनाया गया है। वहीं शिखर अग्रवाल, जो अभी तक CMO में ACS थे, अब उद्योग विभाग का नेतृत्व करेंगे।
सीनियर नेतृत्व को रणनीतिक विभागों में नई जिम्मेदारियां
प्रवीण गुप्ता अपना पद ACS, सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के रूप में बरकरार रखेंगे। इसके साथ ही उन्हें पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग, RTDC चेयरमैन और अमेर डेवलपमेंट अथॉरिटी के CEO की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। आलोक गुप्ता, जो पहले उद्योग एवं BIP के प्रमुख सचिव थे, अब राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन होंगे। शिखर अग्रवाल अब उद्योग विभाग की कमान संभालेंगे।
अन्य विभागों में भी बड़े बदलाव
पुरुषोत्तम शर्मा, MD–RSRTC, को अब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का अतिरिक्त कार्यभार मिला है।
राजेश यादव को पर्यटन एवं कला-संस्कृति विभाग से स्थानांतरित कर HCM RIPA का महानिदेशक बनाया गया है।
गायत्री राठौड़, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, अब मेडिकल एजुकेशन विभाग की भी प्रभारी होंगी। दिनेश कुमार को राजस्व विभाग से हटाकर प्रशासनिक सुधार विभाग में नियुक्त किया गया है। नवीन जैन, जो वित्त (व्यय) विभाग में थे, अब सचिव—सामान्य प्रशासन, कैबिनेट सचिवालय, प्रोटोकॉल और नई दिल्ली स्थित रेसिडेंट कमिश्नर होंगे।
कई अन्य IAS अधिकारियों को भी नए प्रभार
इस फेरबदल में कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं, जिनमें रवि जैन, मंजू राजपाल, भवानी सिंह देथा, जोगाराम, सुचि त्यागी, रंजन विशाल, अर्चना सिंह, रोहित गुप्ता और गौरव सैनी—जिन्हें नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गईं हैं।
सरकार का मानना है कि इन बदलावों से प्रशासनिक तंत्र में नई ऊर्जा और बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।
रणनीतिक उद्देश्य: शासन को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कदम
यह पूरा administrative shake-up राज्य सरकार के उस प्रयास का हिस्सा है, जिसमें अनुभवी अफसरों को महत्वपूर्ण पदों पर तैनात कर गवर्नेंस मॉडल को तेज, आधुनिक और पारदर्शी बनाने की कोशिश की जा रही है। मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास के कार्यभार ग्रहण करने के बाद यह पहला बड़ा फैसले का दौर है, जो आने वाले समय में राजस्थान की प्रशासनिक कार्यशैली को नई दिशा देने की संभावना रखता है।
