हमीरपुर (भोरंज). उपमंडल में घोषणा और बजट उपलब्ध होने के बाद भी चैंथ खड्ड के तटीकरण का काम शुरू नहीं हो सका है. इस कारण चैंथ खड्ड किनारे बसे दर्जनों गांवों के लोग बरसात के मौसम में खौफ के साए में रातें गुजारते हैं. मुख्यमंत्री वीरभद्र ने स्वयं चैंथ खड्ड के तटीकरण के लिए बजट उपलब्ध करवाया था, लेकिन अभी तक खड्ड के तटीकरण का काम शुरू भी नहीं हो पाया है.
सरकार नहीं दे रही ध्यान
अभिलाश चंद्र का कहना है कि हर वर्ष चैंथ खड्ड में उपजाऊ जमीन बह जाती है, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है, जो कि सरकार की लोगों के प्रति गंभीरता को दर्शाती है. वर्ष 2014 में कई गांव चैंथ खड्ड के पानी की चपेट में आए थे, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ है.
भरेड़ी के व्यावसायी रमित शर्मा का कहना है कि बरसात नजदीक आते ही विभाग बुल्डोजर लगाकर खानापूर्ति करता है और चैंथ खड्ड के बहाव में फिर सब बह जाता है, न तो चैंथ खड्ड का तटीकरण हो रहा है और न ही लोगों को हर वर्ष खड्ड के खौफ से निजात मिल रही है.
अनिल शर्मा का कहना है कि चैंथ खड्ड के तटीकरण के लिए सरकार हमेशा कहती है कि बजट पास हो गया है, लेकिन आज तक काम शुरू नहीं हो पाया है. हर बरसात में चैंथ खड्ड के किनारे बसे लोग डर के साए में जीते हैं, लेकिन कोई भी लोगों की बात नहीं सुनता है.
नगरोटा खड्ड बाजार के समाजसेवी धनी राम धीमान का कहना है कि हर वर्ष व्यावसायी और ग्रामीण बरसात में अपनी दुकानें खाली कर देते हैं और किराए की दुकानों में जाते हैं. कई बार तटीकरण की डिमांड उठी है, लेकिन कोई काम न होने से लोगों में निराशा है.
अवनीश शर्मा का कहना है कि हर चुनाव में चैंथ खड्ड के तटीकरण का मुद्दा उठता है, लेकिन कोई भी धरातल पर कार्य नहीं हो रहा है. बजट पास होने की बात की जा रही है, तो काम आज तक शुरू क्यों नहीं हुआ. हर वर्ष चैंथ खड्ड से दर्जनों गांवों तथा सरकारी भवनों को खड्ड से खतरा हैं, लेकिन कोई भी गंभीरता से इस मुद्दे को नहीं ले रहा है.